दलित से मारपीट के दोषी को 30 साल बाद हुई सजा

बाँदा। विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी मोहम्मद कमरूज्जमां की अदालत से दलित के मारपीट के दोषी को छह माह के कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। विशेष अभियोजक विमल सिंह, महेंद्र द्विवेदी और सहायक शासकीय अधिवक्ता जावत्री विश्वकर्मा ने बताया कि मर्का थानाक्षेत्र के खेरा गांव निवासी भारत ने 11 अक्तूबर 1992 को थाने में सूरजभान, दउवा, भोंडा और केदार पुत्रगण रामनेवाज के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट की दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई के दौरान तीन गवाह पेश किए गए। दौरान मुकदमा सगे भाइयों दउवा, भोंडा और केदार की मौत हो गई थी। करीब 80 साल के बुजुर्ग सूरजभान को 30 साल बाद मामले में सजा सुनाई गई।