फतेहपुर। शहर के शक्तिपीठ गायत्री मंदिर में भारतीय एक्यूप्रेशर संस्थान लखनऊ के निदेशक एवं एक्यूप्रेशर संस्थान प्रयागराज के प्रोफेसर डॉ अमर प्रताप सिंह चंद्रवंशी ने बताया कि एक्यूप्रेशर कोरोनावायरस खतरनाक बीमारी में भी कारगर साबित हो रही है। इस विधा से कोरोना को भी ठीक किया जा सकता है।पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एक्यूप्रेशर भारत की पुरातन चिकित्सा विधा है। इस विधा से असाध्य रोगों को उपचार बिंदुओं पर दबाव देखकर ठीक किया जा सकता है। हथेली में स्थित विभिन्न बिंदुओं को दबाकर मेथी दाना चुंबक के सहारे मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, मिर्गी, दमा, स्पॉन्डिलाइटिस, मोटापा, किडनी, हृदय संबंधी रोग का उपचार कर स्वयं परिवार एवं समाज को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके साथ एक्यूप्रेशर कलर थेरेपी का भी चलन तेजी से बढ़ा है। एक्यूप्रेशर से पथरी भी बिना ऑपरेशन के निकाल दी जाती है। एक्यूप्रेशर चिकित्सा एक पुरातन विज्ञान है। यह मानव शरीर की ऊर्जा प्रणाली पर आधारित है डॉ चंद्रवंशी ने बताया कि एक्यूप्रेशर चिकित्सा से असाध्य रोगों का भी इलाज किया जा सकता है यह भारतीय परंपरा ऋषि मुनियों की विधा है लेकिन देश में इस विधा को जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया है। एक्यूप्रेशर पद्धति में हम मरीज ही नहीं बल्कि उसे ठीक कर प्रशिक्षण भी देते हैं ताकि वह अपना स्वयं का इलाज करें कि बल्कि अन्य पीड़ित मानवता की सेवा के लिए भी कार्य करता रहे। अब भारत सरकार इस पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। एक्यूप्रेशर को नेचुरोपैथी में शामिल किया गया है और आयुष मंत्रालय भी इसके लिए ध्यान दे रहा है। एक्यूप्रेशर संस्थान प्रयागराज-लखनऊ इसके डिग्री डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी चला रहा है। कोरोनावायरस की महामारी में भी एक्यूप्रेशर कलर थेरेपी बेहद कारगर है। इस पर शोध के बाद यह सामने आया है कि अंगूठे और छोटी उंगली पर काले रंग का वैरीअट लगा दिया जाए तो कोरोनावायरस से बचा जा सकता हैं। इस मौके पर गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी डॉ. आरपी दीक्षित ने बताया कि एक्यूप्रेशर चिकित्सा एवं प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन 29 अगस्त को गायत्री शक्तिपीठ कृष्णा नगर कॉलोनी हरिहरगंज में होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 सितंबर तक चलेगा। कार्यक्रम में अशोक तपस्वी समाजसेवी मुख्य अतिथि और अधिवक्ता राजीव अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर प्रेम शंकर शुक्ला, नमामि गंगे के जिला संयोजक शैलेंद्र शरण सिंपल, रविंद्र कुमार सिंह, माया गुप्ता, पदमा सिंह, लक्ष्मी आदि मौजूद रहे।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post