जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद नें बाढ़ ग्रस्त इलाको का किया दौरा

बाँदा। जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने बोट पर बैठ कर बाढ़ ग्रस्त इलाको का दौरा किया। साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए है। बाढ़ से सबसे अधिक पैलानी क्षेत्र में असर देखने को मिल रहा है। यहां 2 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है। साथ दो गांव को लोगो को सुरक्षित बाढ़ चुकियो में भेज दिया गया है।केन नदी और यमुना नदी में बाढ़ आ जाने से नदी के किनारे आवाद गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। खासकर पैलानी तहसील के अंतर्गत चिल्ला में यमुना नदी का जलस्तर खतरे का निशान पार करके 1 मीटर ऊपर बह रहा है। जिससे इस इलाके के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। साथ ही 2 गांव ऐसे हैं जिन्हें खाली कराकर गांव के लोगों को सुरक्षित बाढ़ चौकियों पर भेज दिया गया है। राहत और बचाव कार्य प्रशासन द्वारा शुरू कर दिए गए हैं। अभी भी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।जल स्तर खतरे का निशान पार कर गया जिससे इस क्षेत्र के 2 दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां के जसपुरा, चिल्ला, पैलानी, तारा खजूरी, दोहतारा, नरी, सिंधन कला, अदरी, लसड़ा, मरझा, पड़ेरी, नांदा देव, पडोरा,परोदर,अमचौली,गंडोला आदि गांव बाढ़ की चपेट में है। गांव के संपर्क मार्गाे में पानी आ गया है।जिससे गांव के लोगों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। गांव के लोग अपने अपने गांव में फंसे हैं या फिर नाव के सहारे इधर उधर आ जा रहे हैं। पैलानी तहसील की 17 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। इसमें ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इस क्षेत्र के नांदादेव गांव का पुरवा शंकरपुरवा पूरी तरह से घिर गया है। इसी तरह गडोला गांव में भी पानी भर गया है। जिससे इन दोनों गांव को खाली करा लिया गया है।केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक यमुना का जलस्तर खतरे का निशान पार करके 100.78 मीटर पहुंच गया है और अभी भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वही केन नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है लेकिन नदी का जलस्तर घट रहा है। यहां खतरे का निशान 104 मीटर है। अभी भी खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर पानी बह रहा है। बीच जिला अधिकारी अनुराग पटेल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करके राहत कार्यों का जायजा लिया और राहत बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।