नई दिल्ली। भारत अगले पांच साल में अपनी पवन ऊर्जा क्षमता में 23.7 गीगावॉट की बढ़ोतरी कर सकता है। ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल (जीडब्ल्यूईसी) और एमईसी इंटेलिजेंस (एमईसी) ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया। एक बयान के अनुसार ऊर्जा बदलाव को बढ़ावा देने के लिए पवन विकास को नया रूप देना, भारतीय पवन ऊर्जा बाजार परिदृश्य-2026 शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के तीसरे वार्षिक संस्करण में पवन ऊर्जा के विकास पर रोशनी डाली गई है। ऊर्जा परिदृश्य के मुताबिक देश में अगले पांच साल के दौरान पवन ऊर्जा की 23.7 गीगावॉट क्षमता बढ़ सकती है। हालांकि, इसके लिए अनुकूल नीतियां, सुविधाजनक साधन और सही संस्थागत हस्तक्षेप आवश्यक हैं। जीडब्ल्यूईसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बेन बैकवेल ने कहा कि महामारी के कारण ऊर्जा बदलाव में पहले ही देरी हो चुकी है और भारत को इन अवसरों का तेजी से लाभ उठाना चाहिए।जीडब्ल्यूईसी इंडिया के चेयरमैन सुमंत सिन्हा ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की पहल सफल होनी जरूरी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां आसानी से सांस ले सकें और एक साफ-सुथरे ग्रह में रह सकें।
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