बाँदा। गर्मी के दिनों में जीवनदायिनी कही जाने वाली केन नदी बारिश के मौसम में आफत बन जाती है। इसके पीछे मप्र की घाटियों में होने वाली बारिश और बरियारपुर व रनगवां में बने बियर से होने वाले डिस्चार्ज को माना जाता है। केन नदी में इन दिनों करीब डेढ़ लाख क्यूसेक प्रति घंटे का ओवरफ्लो हो रहा है जिसकी वजह से केन नदी उफनाकर खतरे के निशान को पार कर गई है। हालांकि बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दे दिए गए हैं।यही स्थिति चिल्ला में यमुना नदी की है। यमुना भी तबाही मचाने को आतुर हो रही है। नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। वही पैलानी तहसील के पैलानी खपटिहा, बरेहटा, गडरिया, पडोहरा, नरी, डिघवट आदि गांव में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस बारे में जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि केन नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है लेकिन अभी लोगों को निचले इलाके से ऊपरी इलाके में ले जाने की स्थिति नहीं आई है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए नावों की भी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पैलानी और बरेहटा गांव में निगरानी की जा रही है। वहीं खपटिहा गांव में दो नावे लगाई गई हैं।केन नदी के उस पार कछार डेरा, सैमरा डेरा में करीब 350 ग्रामीण, छनिहनडेरा में तीन सौ, शिवपाल डेरा में तीन सौ, पंडितन डेरामें 35, गणेश नगर में 70, बरेहटा गांव में ढाई हजार, हजारी डेरा में साढ़े तीन सौ, डेरा में पांच सौ, शिवरामपुर में तीन सौ, बंजारी डेरा में 150, साड़ी के बगैचा डेरा में 225, अमान डेरा में 450 ग्रामीण हैं। जबकि खरेई के मजरा उसराडेरा में भी करीब एक सैकड़ा ग्रामीण नदी किनारे डेरा बना कर रह रहे हैं।गौरी अमारा संपर्क मार्ग में बाढ़ का पानी आ जाने से बरेहटा, शिवरामपुर आदि गांव के बाशिंदे कैथी गड़रिया से होते हुए मौहरपुरवा गांव से निकलकर जसपुरा पहुंचते हैं। नदी में केवल नाव से ही आवागमन बचा है। सड़क मार्ग से संपर्क कट चुका है। पडो़हरा, भाथा संपर्क मार्ग, मरझा पड़ेरी संपर्क मार्ग, पैलानी नरी संपर्क मार्ग में पुल के पास पानी आ जाने से आवागमन बाधित हो गया है।वही डीएम अनुराग पटेल ने बताया कि। प्रशाशन ने बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। सभी अधिकारी भ्रमण कर रहे है। बाढ़ प्रभावित लोगो के रहने खाने की सारी व्यवस्था पहले से कर ली गई है। अभी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही है।हम खुद लगातार नदी के आस पास बसे मेजर और गांव का भ्रमण कर रहा हू। किसी भी आपात स्थति से निपटने के लिए हम तैयार है।
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