फतेहपुर। वर्ष 2020 में कोरोना माहामारी के दौरान जहां देश में लाकडाउन का माहौल रहा वहीं कोई भी पर्व दो वर्षों तक देश में खुलकर नहीं मनाए गए। जिसके चलते लोगों के अंदर पर्वों को मनाने का जज्बा और बढ़ गया था। इस बार मोहर्रम पर्व में पहली ही तारीख से अकीदतमंदों की भीड़ सड़कों पर दिखने लगी थी। जैसे-जैसे पर्व की तारीख आगे बढ़ी तो अकीदतमंदों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। दस मोहर्रम की सुबह से ही शहर के प्रत्येक मार्ग पर भीड़ देखी गई। शहर के आबूनगर इलाके में भी ताजियों का मिलाप भारी भीड़ के बीच हुआ। उधर पीरनपुर इलाके में भी पैर रखने की जगह नहीं रही। साथ ही ग्यारह मोहर्रम को चांदू मियां का ताजिया जब अपने इमामबाड़े पर पहुंचा तो अपार जनसैलाब के बीच ताजिये के फूल सुपुर्द-ए-खाक किए गए। इस वर्ष भीड़ ने अपने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ डाले। चांदू मियां का ताजिया सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद भीड़ एकाएक लाला बाजार की ओर चल पड़ी। जहां हलवा समेत अन्य सामग्री की लगी दुकानों पर जमकर बिक्री हुई।
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