बाँदा।बारिश,धूप और उमस बच्चों को भारी पड़ रही है।उल्टी, दस्त के साथ बुखार और दाद-खुजली के बच्चे शिकार हो रहे हैं।इन दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ी है। बाल रोग विशेषज्ञ इसे मौसम का असर बता रहे हैं।दिन-रात के तापमान में अंतर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष के बाहर बच्चों की भीड़ लग रही है। इनमें करीब 70 फीसदी उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज हैं। सामान्य दिनों में ओपीडी में बच्चों की संख्या 80-100 थी, अब बढ़कर 150-170 से ज्यादा पहुंच गई है। जिला अस्पताल में संचालित ट्रामा सेंटर में भी रोजाना 20 से 25 बच्चे पहुंच रहे हैं।बाल रोग विशेषज्ञ के मुताबिक करीब चार दिन से बीमार बच्चों की संख्या बढ़ी है। इन्हें ठीक होने में 5 से 7 दिन लग रहे हैं। चिल्ड्रेन वार्ड और ट्रामा सेंटर में भर्ती बच्चों में करीब नौ डायरिया और पांच बुखार से ग्रसित हैं।ताजा भोजन और पानी उबालकर दें,तेज धूप और उमस से वायरल फीवर बढ़ा है। डायरिया, सर्दी, खांसी, खुजली, फंगल इंफेक्शन, आदि के मरीज भी बढ़ गए हैं। सबसे ज्यादा बच्चे दस्त की चपेट में आ रहे हैं।बच्चों को बीमार होने से बचाने के लिए अभिभावकों को एहतियात बरतनी होगी।ताजा भोजन और पानी उबालकर दें। बारिश में भीगने ने दें। – डॉ. आरके गुप्ता, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल,डायरिया, बुखार से बिगड़ी हालत,जिला अस्पताल चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती सर्वोदय नगर के हर्ष की मां केशकली ने बताया कि डायरिया से बच्चे की हालत गंभीर हो गई। दो दिन से अस्पताल में भर्ती है। अभी तक सिर्फ 50 फीसदी आराम मिला है। मवई गांव के ऋषि ने बताया कि बेटी रितिका को डायरिया हो गया। उल्टी-दस्त शुरू हो गए। दो दिन से सिर्फ बोतलों के सहारे इलाज हो रहा है।पतवन गांव के लक्ष्मीनारायण ने बताया कि बेटे रीतेश को कंपकंपी के साथ बुखार आ गया। दवा कराई, पर सुधार नहीं हुआ तो भर्ती कराना पड़ा।
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