सोनभद्र। इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुस्लिम समुदाय ने मंगलवार को पूरे एहतराम के साथ मुहर्रम मनाया। या अली या हुसैन का नारा देर शाम तक गूंजता रहा। जुलूस की शक्ल में ताजियों को करबला में दफन किया गया। लोगों ने मातम कर दुआख्वानी की और नाते हुसैन पढ़ा। इस दौरान जिला व पुलिस प्रसासन का सहयोग सराहनीय रहा।मुहर्रम इस्लामी साल का पहला महीना है। मुहर्रम की दसवीं तारीख को योमे आसुरा मनाया गया। ढोल व नगाड़े के बीच जंजीर, तलवार व चाकू से करतब दिखाते हुए युवा आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान लोगों ने शरबत व खिचड़ा का लंगर चलाया। ताजियादार एसोसिएशन के सदर रोशन खान ने बताया कि कर्बला की घटना दुनिया की तारीख में पहली आवाज है और शायद आखरी भी, जो मजलुमों के पक्ष में उठी और जिसकी सदा आज तक वातावरण में गुंज रही है।करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन ने हक एवं इंसानियत की खातिर कुर्बानी देकर आपसी मोहब्बत बरकरार रखने का पैगाम दिया । कहा कि मजहब व पंथ चाहे जो भी हो सभी का मकसद एक ही है। इंसानियत की हिफाजत करना। राबट्र्सगंज नगर में ताजिया एवं जुलूस का नेतृत्व ताजियादार एसोसिएशन के सदर रोशन खान ने किया।इस दौरान इस मौके पर मुनीर खान वारसी, फते मोहम्मद, एजाज अहमद वारसी, फिरोज सिद्दीकी, मुर्तजा अली अंसारी, हाजी शहाबुद्दीन, अजहर खान, प्यारे भाई कादरी, हिदायतुल्ला खान, दानिस खा,रईस खान आदि उपस्थित थे।
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