बाँदा | बीते शुक्रवार को गिरवा बस स्टैंड के पास में हुई जबरदस्त दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी,जिसे सुनकर बाँदा शहर सहित पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई थी,जिसने भी सुना वो आहत हुए बगैर नही रहा,मरने वाले उन छः लोगों में एक ऐसी शख्सियत शामिल थी,जो ईमान व कर्म के पक्के थे जोकि दुर्भाग्यवश दुखद हादसे का शिकार हुए.90 वर्षीय अल्हाज यासीन अहमद की नमाज़ ए जनाजा में उमड़ पड़ा था भारी जनसमूह,उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का ताँता लगा रहा.उनके गृह सूत्रों से पता चला है कि उन्होंने दो बार हज किया था तथा हज समिति के सक्रिय सदस्य भी थे,इसके अतिरिक्त उनकी ईमानदारी दूर दूर तक विख्यात थी,और वह सलात के काफी पाबंद थे।उनके पुत्र अल्हाज गुलाम मुस्तफा जो जिला हज ट्रेनर भी है,ने बताया कि वे उस दिन मामूल के मुताबिक जुमा की नमाज अदा कर शेखनपुर अपने गाँव जा रहे थे और हादसे का शिकार हुए,अल्हाज गुलाम मुस्तफा ने बताया,कि उनके मरहूम वालिद पर्यावरण प्रेमी भी थे,जिन्होंने अपने गांव में एक बड़ा बाग लगाया,जिसकी रखवाली वह स्वयं करते थे,वे फलदार पेड़ लगाने के बेहद शौकीन थे तथा पर्यावरण बचाने के लिए वे सभी को पेड़ लगाने का अक्सर सुझाव देते रहते थे।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post