चहनियां। गंगा के जलस्तर में जैसे जैसे बढ़ोतरी हुई वैसे ही पानी भी घट रहा है । सोमवार की रात में भी करीब 12 सेंटीमीटर गंगा का पानी घटा है । तटवर्ती गांव के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली । बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर पुराना महिला चेंजिंग रूम से पानी हट गया है । शमशान घाट से भी पानी घटने लगा है । पानी घटने के साथ घाट पर फिसलन भी हो गया है । तटवर्ती गांवो के ग्रामीणों में दहशत ब्याप्त है । गंगा के जलस्तर में 11 दिनों तक लगातार बढ़ोतरी के बाद रविवार को रात में करीब 12 सेमी पानी घट गया । 11 दिनों में करीब 22 फ़ीट जलस्तर बढ़ने के बाद बारहवें दिन पानी स्थिर होने के साथ ही घटा है । पानी घटने के साथ ही पश्चिम वाहिनीं घाट पर कीचड़ व फिसलन हो गया है जिसके चलते स्नानार्थियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । पानी सीढीयो को लांघते हुए पुराना महिला चेंजिंग रूम आधा डूब गया था । जबकि शमशान घाट एकदम ऊपरी सतह पर बना है । पानी के बढ़ते रफ्तार से लोग सहम गये थे । किन्तु सोमवर से पानी घटने पर गंगा तट के किनारे बसे गांव कांवर,महुअरिया,बिसुपुर,महुआरी खास,सराय,बलुआ,डेरवा,महुअर कला,हरधन जुड़ा,बिजयी के पूरा,गणेश पूरा, टाण्डाकला,बड़गांवा,तीरगांवा, हसनपुर,नादी निधौरा आदि गांवो के किसानों व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली । किन्तु गंगा कटान की चिन्ता सता रही है । क्योंकि पानी कटान प्वाइंट तक पहुच गया है । पानी घटने व बढ़ने के साथ ही कटान भी शुरू हो जाता है । अब तक उक्त गांवो के किसानों की हजारो एकड़ उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो चुकी है । ग्रामीणों का कहना है कि पानी का रफ्तार कुछ कम हुआ है । लेकिन अभी खतरा बरकरार है । गंगा कटान रोकने का प्रयास केवल हवा हवाई साबित हुई है ।
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