फतेहपुर। जिला एवं सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ने हत्या के एक विचाराधीन मामले में बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए घटना के नामजद छह आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ ही कुल 2 लाख 70 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। घटना के पांच आरोपी जमानत पर थे लेकिन एक आरोपी बीते सात साल से जेल में ही निरूद्ध हैं। अदालत से अब तक उसकी जमानत नहीं हो सकी। हत्यारोपियों में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंड़िया किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं।जिला शासकीय अधिकवक्ता सहदेव गुप्ता व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार दुबे ने बताया कि थरियांव थाना क्षेत्र के देहुली गांव में 6 मार्च 2015 को पुरानी रंजिश के चलते दुकान से सामान लेने जा रहे राम दयाल को गांव के ही बाबूराम, अरविंद, शिवपत, संतराम, रामदत्त मिश्रा व जितेन्द्र ने घेर कर लाठी-डंडो और फरसा से वार कर मौत के घाट उतार दिया था। मृतक के पुत्र विपिन सिंह ने घटना का उपरोक्त लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनमे बाबूराम को आज तक जमानत नहीं मिली, जबकि अन्य पांच लोग जमानत पर बाहर हैं। हत्यारोपी रामदत्त मिश्रा रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश संतोष राय ने अधिवक्ताओं के तर्कों व पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों, गवाहों के बयान के आधार पर फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ 45 हजार रुपए प्रति आरोपी अर्थात कुल 2 लाख 70 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की जमा होने वाली धनराशि का 90 फीसदी धन मृतक के परिजनों को प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश भी जारी किया है।
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