बर्मिंघम। भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा चौथी बार राष्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीतने के इरादे से उतरेंगी। अश्विनी ने 12 साल पहले राष्ट्रमण्डल खेलों में महिला युगल का खिताब जीता था। भारत को इस बार भी उससे पदक की उम्मीदें हैं। अश्विनी अब भी पहले की तरह ही खेलती हैं। उनके स्मैश पहले की तरह ताकतवर हैं और वह विरोधी खिलाड़ियों की सर्विस और रिटर्न का अंदाजा अच्छी तरह से लगा लेती है। ष्ट्रमण्डल खेलों में 2 स्वर्ण सहित 5 पदक, विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वालीं दो बार की ओलंपियन अश्विनी अब गुरुवार से होने वाले इन खेलों में अपनी ताकत दिखाने को तैयार हैं। अश्विनी ने कहा, ‘ पिछले दशक में काफी उतार चढ़ाव आए। इस दौरान मैंने काफी सुधार किया है। अब मेरे पास काफी अधिक अनुभव है और एक बार फिर इन खेलों में भाग लेने को लेकर दिल में उत्साह है। अश्विनी ने ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर दिल्ली राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत को महिला युगल में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। अश्विनी ने पिछले खेलों में भारत को मिश्रित टीम मुकाबले में स्वर्ण पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, ‘साल 2018 में मैंने और सिक्की रेड्डी ने कांस्य पदक हासिल किया लेकिन तब मैंने पहली बार टीम स्वर्ण पदक जीता जो शानदार अहसास था। इस बार हालांकि चुनौती अलग है। इस बार मैं महिला युगल में नहीं बल्कि मिश्रित युगल में उतर रही हूं। अश्विनी इस बार वह युग में क्वालिफाई नहीं कर पाईं क्योंकि उनकी महिला जोड़ीदार एन सिक्की के चोट लगने के कारण यह जोड़ी चयन ट्रायल के फाइनल में हार गई।
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