नई दिल्ली (ईएमएस)। आय बढ़ने और कर्जों में कमी आने की वजह से पिछले कुछ दिनों से संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत बढ़कर 311 करोड़ रुपए हो गया है। बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 207 करोड़ रुपए रहा था। अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 5,916 करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 5,394 करोड़ रुपए रही थी।बैंक ने बताया कि लाभ में बढ़ोतरी की बड़ी वजह फंसे कर्जों के अनुपात में आई गिरावट रही है। उसके सकल ऋण में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का अनुपात घटकर 13.45 प्रतिशत पर आ गया जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह अनुपात 15.60 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में शुद्ध एनपीए यानी फंसे कर्जों का अनुपात भी 5.78 प्रतिशत से घटकर 4.17 प्रतिशत पर आ गया।फंसे कर्जों एवं अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए वित्तीय प्रावधान की जरूरत भी आलोच्य तिमाही में घटकर 175 करोड़ रुपये रह गई जो अप्रैल-जून 2021 की तिमाही में 457 करोड़ रुपये रही थी। यस बैंक ने कहा कि उसके वैकल्पिक बोर्ड के गठन के साथ पुनर्गठन योजना भी गत 15 जुलाई से अमल में आ गई है। हालांकि इसे अभी शेयरधारकों की मंजूरी मिलनी बाकी है। बैंक के मुताबिक, नए बोर्ड ने प्रशांत कुमार को नए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर तीन साल के लिए नियुक्त करने की अनुशंसा की है। इसके अलावा बैंक ने करीब 48,000 करोड़ रुपये की तनावग्रस्त परिसंपत्तियों की बिक्री के मकसद से जेसी फ्लॉवर्स के साथ मिलकर एक परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी बनाने के लिए बाध्यकारी समझौता किए जाने की जानकारी भी शेयर बाजारों को दी है।
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