प्राकृतिक खेती बढ़ाएं, विद्युत आपूर्ति सुधारे: मंत्री

चित्रकूट। कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक संपन्न हुई।मंत्री ने कृषि, सिंचाई, पेयजल, वृक्षारोपण, विद्युत, फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, पंप कैनाल संचालन, नहरों का संचालन, निराश्रित गोवंश संरक्षण, कुपोषण, पशुओं का टीकाकरण, उर्वरक की उपलब्धता, उद्यान आदि विभागों की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण को निर्देश दिए जनपद में विद्युत आपूर्ति सही ढंग से नहीं की जा रही है इसमें सुधार लाया जाए। चित्रकूट धर्मनगरी है यहां पर बाहर से तीर्थयात्री पर्यटक आते हैं। विद्युत व्यवस्था को लेकर कोई समस्या न हो। 24 घंटे के अंदर जो ट्रांसफार्मर खराब हो जाते हैं उन्हें तत्काल बदल दिया जाए। काम के प्रति रुचि रखें पंप कैनाल व नहरों के संचालन पर कहा कि उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा सत्यापन भी कराया जाए। जिला कृषि अधिकारी से कहा कि जब नहरों पर पानी चल रहा है तो किसानों को प्रेरित कर धान की रोपाई कराएं। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान हो। सभी विभागों की जिम्मेदारी है कि जहां पर जो योजना के संचालन में कमी है तत्काल उसको ठीक कर लाभ दिलाएं। यही सरकार की मंशा है। जनता के लिए संवेदना के साथ सभी अधिकारी कार्य करें। 68 प्रतिशत व्यक्ति कृषि पर आधारित है। आकांक्षात्मक जिला है। नीति आयोग के जिन बिंदुओं में कमी हो उसमें प्रगति कराई जाए। इसके लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री भी लगातार किसानों के प्रति चिंतित रहते हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से कहा कि गौशालाओं में निराश्रित गोवंश संरक्षित कराएं। सहभागिता योजना में प्रगति करें। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि ग्राम प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं। सभी जगह गोवंश संरक्षित कराए जा रहे हैं। समय से पशुओं का टीकाकरण, बधियाकरण भी करा कर एआई के माध्यम से नस्ल सुधार का कार्य भी कराया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी डॉ बलदेव प्रसाद ने बताया कि जनपद में एक पौधशाला है। जिसमें अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, सहजन आदि के दो लाख 10 हजार फलदार पौधे तैयार कराए गए हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि गत वर्ष कितने पौधे फलदार लगाए गए थे और कितने वर्तमान में जीवित है। जिसमें जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 35 प्रतिशत अभी जीवित है। इस पर उन्होंने कहा कि स्थिति ठीक नहीं है। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद से कहा कि किसानों को जागरूक कर अधिक से अधिक फलदार पौधे लगवाएं। किसानों को प्रेरित कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे। इसके लिए किसानों को जोड़कर एफपीओ का गठन कराएं। एफपीओ के लिए मुख्यमंत्री ने पांच एजेंसी नियुक्त किया है जो कार्य कर रही है। उन्होंने उप निदेशक कृषि राजकुमार से कहा कि खरीफ में जो फसल क्षेत्र में तैयार होती है तो सूखा को देखते हुए किसानों को जागरूक कर फसल का उत्पादन कराया जाए। उन्होंने कहा कि खेत तालाब योजना के लाभार्थियों को स्प्रिंकलर सिस्टम दिया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी से कहा कि पौधों की सुरक्षा का इंतजाम कराया जाए और स्प्रिंकलर सेट के लाभ के बारे में किसानों को जागरूक कर इस सिस्टम को बढ़ाएं। जिलाधिकारी से कहा कि भूमि चिन्हित कराकर हाईटेक उद्यान नर्सरी तैयार कराएं। अमृत महोत्सव के अंतर्गत 15 अगस्त को व्यापक तरीके से पौधरोपण कराएं। 11 से 17 अगस्त तक झंडारोहण भी बृहद तरीके से हो। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि हर घर नल योजना के कार्यों की समीक्षा अवश्य करें। कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे। किसान सम्मान निधि पर कार्य करें। अग्रणी जिला प्रबंधक से कहा कि जिन किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बने हैं उनके तत्काल बनवाएं। किसानों के फसल बीमा पर संबंधित बीमा कंपनी के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए की जिलाधिकारी कार्यालय, बस स्टैंड, ब्लॉकों, तहसीलों आदि प्रमुख स्थानों पर बैनर लगाकर प्रचार प्रसार कराएं। सहायक निबंधक सहकारी समितियां को निर्देश दिए कि सभी समितियों पर उर्वरक उपलब्ध रहे। बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां व मझगवां के कृषि वैज्ञानिकों ने भी कृषि को बढ़ावा देने के लिए सुझाव साझा किए। मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी ने आभार जताते हुए कहा कि बैठक में जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उनका अक्षरशः पालन कराकर विकास कार्यों में गति प्रदान की जाएगी। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, जिला विकास अधिकारी आरके त्रिपाठी, परियोजना निदेशक ऋषि मुनि उपाध्याय, जिला कृषि अधिकारी आरपी शुक्ला सहित संबंधित अधिकारी, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।