वॉशिंगटन । चीन और रूस की चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका ने जंगी तैयारी तेज कर दी है। अमेरिका ने खाड़ी देशों सऊदी अरब, इराक, कुवैत, जॉर्डन से 8 पैट्रियोटऐंटी मिसाइल सिस्टम हटा रहा है। यही नहीं अमेरिका सऊदी अरब में हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले से निपटने के लिए तैनात किए गए बेहद शक्तिशाली थाड सिस्टम को भी वापस ले जा रहा है। यही नहीं इस इलाके के लिए तैनात फाइटर जेट की संख्या को भी कम किया जा रहा है। एक अमेरिकी अखबार के मुताबिक बाइडन प्रशासन के रुख में यह बदलाव खाड़ी देशों में तनाव के कम होने और सऊदी अरब-ईरान में बातचीत शुरू होने और अमेरिका के रणनीतिक अनिवार्यता में बदलाव के बाद लिया गया है। बाइडन प्रशासन ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है जब अफगानिस्तान से भी अमेरिकी अभियान खत्म हो रहा है। इस वजह से इस इलाके से सैनिकों और हथियारों को कम किया जा रहा है।बाइडन प्रशासन अब अपनी सेना को चीन पर केंद्रित करना चाहता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उसका मुख्य प्रतिद्वंदी बनकर उभरा है। अमेरिका ने ईरान के साथ तनाव को कम करना शुरू कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत करना चाहता है। इसी वजह से अमेरिकी रक्षा मंत्रालय को लगता है कि खाड़ी देशों में जंग का खतरा कम हो गया है। उधर, सऊदी अरब ने खुद से ही हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत कर लिया है। अमेरिका अब रूस के साथ बातचीत कर रहा है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और बाइडन दोनों ने तीन घंटे तक बातचीत की है। इससे अब अमेरिका को रूस की तरफ से खतरा कम होता दिख रहा है। अमेरिका इराक से भी अपने सैनिकों की संख्या को घटाना चाहता है। ताजा बदलाव के बारे में अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को बता दिया है। सबसे ज्यादा हथियार सऊदी अरब से ही हटाए हैं।