शिव पूजन से नवग्रहों को करें शांत (20एफटी01एचओ)

सावन में शिव पूजन से नवग्रहों की शांति की जा सकती है। शिव ही सृष्टि के नियंत्रक हैं। उनकी उपासना से हर चीज को नियंत्रित किया जा सकता है। किसी भी ग्रह नक्षत्र को आसानी से शांत भी किया जा सकता है। सावन में थोड़े से प्रयास से किसी भी ग्रह की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।
सूर्य को कैसे करें शांत
इसके लिए नित्य प्रातः जल में गुड़ मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। शिवलिंग पर गुड़हल का पुष्प अर्पित करे। “ॐ आदित्याय नमः” का जप करें। सावन के किसी भी रविवार को करें।
चंद्र को कैसे करें शांत?
चंद्र को शांत करने के लिए शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद सफेद फूल भी अर्पित करें। “ॐ सोम सोमाय नमः” का जप करें। यह सावन में किसी भी दिन करें।
मंगल को कैसे करें शांत?
मंगल को शांत करने के लिए शिवलिंग पर शहद और जल अर्पित करें। लाल पुष्प भी अर्पित करें। “ॐ अं अंगारकाय नमः” का जप करें। शिव जी की कपूर से आरती करें। सावन में किसी भी मंगलवार को करें।
बुध को कैसे करें शांत?
सावन पर बुध को शांत करने के लिए शिव लिंग पर बेल पत्र अर्पित करें। साथ ही सुगन्धित जलधारा भी अर्पित करें। “ॐ बुं बुधाय नमः” का जप करें। सावन में किसी भी बुधवार को करें।
बृहस्पति को कैसे करें शांत?
बृहस्पति को शांत करने के लिए शिवलिंग पर जल अर्पित करें। वेदी पर हल्दी लगाएं “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जप करें। पीली मिठाई का भोग भी लगाएं। सावन में किसी भी गुरुवार को करें।
शुक्र को कैसे करें शांत?
सावन पर शुक्र को शांत करने के लिए शिवलिंग पर जरा सा दूध और जल अर्पित करें। सफ़ेद सुगन्धित फूल अर्पित करें। “ॐ शुं शुक्राय नमः” का जप करें। सावन में किसी भी शुक्रवार को करें।
शनि को कैसे करें शांत?
शनि को शांत करने के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस अर्पित करें। इसके साथ ही नीले फूल अर्पित करें। “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जप करें। शिव जी के मंदिर में घी का दीपक जलाएं1 सावन में किसी शनिवार को करें।
राहु केतु को शांत करने के उपाय
राहु केतु को शांत करने के लिए सावन के किसी भी दिन शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें। साथ ही भांग धतूरा अर्पित करें। “ॐ रां राहवे नमः” तथा “ॐ कें केतवे नमः” का जप करें। शिव जी के मंदिर में ध्वजा अर्पित करें। सावन में किसी भी बुधवार को करें। शिव की पूजा में कई फूल वर्जित होते हैं और कुछ फूल उन्‍हें बेहद प्रिय हैं। इन फूलों की दिनों के हिसाब से भी उपयोगिता होती है। वर्जित हैं ये फूल शिव पूजन में शिव जो को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल नहीं अर्पित किए जाते हैं। इसके साथ ही भोलेनाथ पर केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का भी निषेध किया गया है। शिव जी को तुलसी भी नहीं चढ़ाते हैं। उन्‍हें अकौड़े, बेलपत्र, धतूरे, भांग और विष्‍णुकांता चढ़ाने का महत्‍व है।
शनिवार को चढ़ायें ये फूल
इस बार सावन का पहला शनिवार पड़ेगा इस दिन शिव जी की पूजा का विशेष महत्‍व है। इस दिन शिव जी की पूजा में नीले रंग का फूल इस्‍तेमाल करना उत्‍तम रहता है। इसलिए अगर आप शनिवार को शिव की पूजा में विष्‍णुकांता का फूल प्रयोग करेंगे तो शिवजी अवश्‍य प्रसन्‍न होंगे।