अंधानुकरण पर करारा व्यंग्य है “हड़प्पा हाउस”

प्रयागराज | द स्टेज फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय रंग महोत्सव के पहले दिन माध्यम संस्थान द्वारा प्रस्तुत हास्य नाटक “हड़प्पा हाउस” समाज के विभिन्न वर्गों की सोच के अंतर को दर्शाता है । सोमवार को सांस्कृतिक केंद्र प्रेक्षागृह में प्रस्तुत यह नाटक हास्य और व्यंग्य का अच्छा मिश्रण है । समाज के धनाढ्य वर्ग द्वारा पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण और पढ़े-लिखे बेरोजगारों का दर्द बयान करने वाला यह नाटक सामाजिक विसंगतियों को दर्शाता है । के पी सक्सेना द्वारा लिखित  इस नाटक में बेरोजगार नौजवानों की मजबूरी को दिखाया गया है । नौकरी न मिलने पर दो पढ़े लिखे नौजवान ऐतिहासिक वस्तुओं की दुकान खोलते हैं, जिसमें वह दोनों पुरानी वस्तुओं को ऐतिहासिक बता कर बेचते हैं किंतु अंत में पकड़े जाते हैं । अपने चुटकुले संवादों व गुदगुदाते प्रस्तुतीकरण के कारण जहां दर्शक ठहाके लगाने को विवश होते हैं तो वहीं बेरोजगारी और विलासिता के बीच लटकती धुरी के कारण नाटक के अंत में सोचने को मजबूर भी होते हैं । डॉ अशोक कुमार शुक्ल के कुशल निर्देशन में लवकुश भारतीय (फिरदौसी), चंकी बच्चन (फाहियान), दिव्या शुक्ला (पालकीवाला), श्रिया मिश्रा (झुनझुनवाला), सुधीर सिन्हा (नेता), अजय कुमार (छोटू), और कृष्णा यादव (इंस्पेक्टर) ने बेहतरीन अभिनय किया । संयोजन – विनय श्रीवास्तव, प्रकाश – सुजॉय घोषाल, वस्त्र विन्यास – अंशु श्रीवास्तव, संगीत संचालन – रिभू श्रीवास्तव, मंच निर्माण – विपिन कुमार, मंच सामग्री – निधि पांडे, सहयोग – ओम श्रीवास्तव, सिद्धार्थ मिश्र, प्रचार प्रसार – राहुल बरन ने किया । प्रस्तुति नियंत्रक – वंदना राठौर, प्रस्तुति सहायक – शोभा शुक्ला और पूर्वाभ्यास प्रभारी – अनूप श्रीवास्तव रहे । रंग महोत्सव का आयोजन समर्पित संस्था के सहसंयोजन में किया गया ।