देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के निर्धारित प्रावधानों का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (चिकित्सकीय एवं डायग्नोस्टिक) निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध नियमानुसार पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010 की धारा 52 के अंतर्गत प्रत्येक क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट को अपने यहां उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं के प्रत्येक प्रकार के प्रभारी दरों का प्रदर्शन करना अनिवार्य है। इन दरों को रोगियों के लाभ के लिए स्थानीय भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी में भी दृश्य स्थान पर लगाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट प्रक्रियाओं और सेवाओं के प्रत्येक प्रकार के लिए दर उस सीमा के भीतर प्रभार्य करेंगे, जो समय-समय पर केंद्र सरकार या राज्य सरकार के परामर्श से आधारित और जारी की जाती है।जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश शासन की संज्ञान में आया है कि अधिकांश क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट द्वारा इन नियमों के अनुसार उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं के प्रत्येक प्रकार के प्रभार्य दरों को सहज दृश्य प्रदर्शित नहीं किया जा रहा, जिससे इलाज एवं जांच के लिए आने वाले मरीजों को असुविधा होती है।
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