बांदा। चंद्रावल और गहरार नदी, मरौली झील के जीर्णोद्धार का श्रीगणेश विश्व पृथ्वी दिवस पर हुआ था। काम की प्रगति जानने निकले जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बीते दिवस फावड़ा चलाकर मिट्टी की खुदाई की। मनरेगा मजदूरों के साथ सिर पर तसले में मिट्टी ढोई।चंद्रावल के जीर्णोद्धार में ग्राम पड़ोहरा, अमारा और गड़रिया में मिट्टी कंकड़युक्त थी, जहां डीएम ने खुदाई के लिए तीन जेसीबी लगाई हैं।विश्व पृथ्वी दिवस पर डीएम अनुराग पटेल, सीडीओ वेद प्रकाश मौर्य, उपायुक्त मनरेगा राघवेंद्र तिवारी आदि के साथ जिले में तीन कार्यों की शुरुआत की गई थी।इसमें 21 किलोमीटर गहरार नदी, बांदा में 19 किलोमीटर बहने वाली चन्द्रावल नदी के 15 किमी का जीर्णोद्धार और 123 बीघा मरौली झील सहित 75 तालाबों के पुनर्जीवन का काम शुरू किया गया। बुधवार को ब्लॉक जसपुरा के तीन ग्राम पंचायतों ग्राम पड़ोहरा, अमारा और गड़रिया से निकलने वाली चन्द्रावल नदी के 15 किमी भाग के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में किए गए कार्यों का लगभग छह किमी पैदल चलकर डीएम ने सीडीओ, एसडीएम पैलानी लाल सिंह यादव, उपायुक्त मनरेगा,नीति आयोग भारत सरकार के जल प्रबन्धन समिति के सदस्य उमाशंकर पाण्डेय के साथ निरीक्षण किया। डीएम ने ग्राम अमारा में चन्द्रावल नदी में खुद फावड़ा चलाया और डलिया में मिट्टी लेकर नदी के भीटे में डाली। डीएम ने बीडीओ को निर्देशित किया कि बारिश के पहले नदी के पुनर्जीवित करने का काम कराया जाए।
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