नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा अब अमेरिका के युगेन में शुक्रवार से शुरू हो रही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने के इरादे से उतरेंगे। नीरज जीत के लिए अच्छे फॉर्म के साथ ही प्रदर्शन में निरंतरता पर निर्भर रहेंगे। इससे पहले स्टॉकहोम डाइमंड लीग में 89.94 मीटर तक भाला फेंककर नीरज विश्व चैंपियनशिप में पदक दावेदारों में शामिल हुए थे। नीरज अगर यहां पदक जीतते हैं तो वह ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी और देश के पहले पुरुष खिलाड़ी बनेंगे। इससे पहले साल 2003 में लंबी कूद की खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज पेरिस में कांस्य पदक जीतकर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं थीं। चोपड़ा ने कहा, अब तक तैयारी अच्छी रही है और मेरा मनोबल बढ़ा हुआ है। मैंने जिन तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया उनमें से दो में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और एक में खिताब जीता है तीनों टूर्नामेंट में मेरे प्रदर्शन में निरंतरता रही। मैं बेहतर कर सकता हूं (और 90 मीटर की दूरी को पार कर सकता हूं), स्टॉकहोम डाइमंड लीग में 90 मीटर से सिर्फ छह सेंटीमीटर पीछे रहा। इसलिए उम्मीद करता हूं कि विश्व चैंपियनशिप में मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। साथ ही कहा कि इस टूर्नामेंट में जीत की उम्मीदों के साथ ही उनपर दबाव भी है। इस टूर्नामेंट में नीरज को मुख्य प्रतिद्वंद्वी ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से टक्कर मिलेगी। पीटर्स2019 विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं। मौजूदा सत्र में पांच सर्वश्रेष्ठ प्रयास में से चार उनके नाम दर्ज हैं। उनका 93.07 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास मौजूदा सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रयास भी है। नीरज अगर यहां अगर स्वर्ण पदक जीतते हैं तो 2008-09 में नॉर्वे के आंद्रियास थोरकिल्डसन के बाद ओलंपिक स्वर्ण के बाद विश्व चैंपियनशिप का भी स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनेंगे। इससे पहले चेक गणराज्य के विश्व रिकॉर्ड धारक यान येलेज्नी ने 2000-01 और 1992-93 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
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