फतेहपुर। जिला पंचायत में 15 वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि को गाइडलाइन से हटकर नियम विरूद्ध तरीके से स्ट्रीट लाइट्स के टेंडर कराने/स्वीकृत करने व भुगतान करने का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ने अपर मुख्य सचिव को शिकायती पत्र भेजा है। जिसमें जिला पंचायत पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता ने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है। साथ ही शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि मामले की जांच न की गई तो वह उच्च न्यायालय की शरण में जाने के लिए विवश हो जाएगा।शहर के आवास विकास कालोनी निवासी संजय सिंह पुत्र गुलाब सिंह ने पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि जिला पंचायत में 15 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत जारी की गई गाइडलाइन में ग्रांट के टाइड फंड से शौचालय निर्माण, जल निकासी, वर्षा जल संचयन की व्यवस्था का कार्य व अनटाइड फंड से पंचायत घर निर्माण, जन सुविधा कंेद्र आदि के कार्य कराए जाने के दिशा-निर्देश जारी किए गए थे लेकिन जिला पंचायत ने सबसे पहले बिना ग्राम सभाओं में बिजली विभाग की एनओजी किए नियम विरूद्ध तरीके से निविदा स्वीकृत करके फर्जी तरीके से भुगतान कर धनराशि का दुरूपयोग किया है। बताया कि उन्होने जनसुनवाई पोर्टल पर यह शिकायत की थी कि जिला पंचायत या किसी अन्य कार्यदायी संस्था द्वारा यदि विद्युत संबंधी कोई निविदा स्वीकृत की जाती है तो संबंधित ठेकेदार के पास अधीक्षण अभियंता विद्युत का जारी अनुभव प्रमाण पत्र अत्यंत आवश्यक है। साथ ही जिला पंचायत में कार्य कर रहे दोनों अवर अभियंताओं व एक अभियंता के पास मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल का डिप्लोमा है और न ही डिग्री है। ऐसी परिस्थिति में इसको कैसे सही ठहराया जा सकता है। बताया कि शिकायत के जवाब में अपर मुख्य अधिकारी ने कहा कि गाइडलाइन में अनुभव प्रमाण पत्र मांगे जाने का कोई प्राविधान नहीं है। शायद वह यह बताना भूल गए हैं कि जब स्ट्रीट लाइट्स का टेंडर करवाने की आवश्यकता ही नहीं थी तब अनुभव के बारे में जिक्र क्यों होगा। उन्होने अपर मुख्य सचिव से मांग किया कि जिला पंचायत द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता की जांच करवाकर दोषीजनों के विरूद्ध उचित कार्रवाई की जाए।
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