धीना । राज्य सरकार द्वारा गांवों में गांव की चुनी हुई पञ्चायत को संचालित करने के लिए मिनी सचिवालय का निर्माण बड़े जोर शोर से किया जा रहा है। इसके लिए जिन गांवों में पंचायत भवन नहीं है वहां धन अवमुक्त कर गांवों के विकास को अमलीजामा पहनाने वाले मिनी सचिवालय का निर्माण कराया जा रहा है। परन्तु कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां पूर्व के बने मिनी सचिवालय जर्जर हालत में है। छोटे ग्राम पंचायतों में धन की भी कमी है। जो चाह कर भी जर्जर मिनी सचिवालयों का मरम्मत नहीं करा पाते। ऐसा ही मिनी सचिवालय धानापुर विकास खण्ड के हेतमपुर गांव में है। जो 1977 में तत्कालीन ग्राम प्रधान केदार नाथ उपाध्याय द्वारा बनवाया गया था।जिसकी हालत काफ़ी जर्जर है। ग्रामीण अपने पशुओं को उस पंचायत भवन में बांधते हैं। सरकार की गांव पंचायत की तमाम आवश्यकताएं एक छत पे पूरा करने सपना इस गांव में परवान नहीं चढ़ पा रहा है। ग्राम प्रधान सतीश उपाध्याय कहते हैं कि ग्राम सभा में इतनी निधि नहीं आती कि इसकी मरम्मत कराई जाय। साल में एक दो नाली, खडंजा का निमार्ण करा दिया जाय तो बजट ही नहीं रहता कि कुछ और कार्य कराया जा सके। इसके मरम्मत के लिए खण्ड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र लिखकर नए सिरे से निर्माण कराए जाने की मांग की पर कई महीने बीतने के बाद भी कार्य आगे नहीं बढ़ सका।
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