फुलप्रूफ व्यवस्था के बीच सम्पन्न हुआ बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों का मेगा मॉकड्रिल

बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व शासन के निर्देश के क्रम में प्रदेश व्यापी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से तहसील महसी के ग्राम सिलौटा में घाघरा नदी के तट पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इन्सीडेन्ट कमाण्डर व प्लानिंग सेक्शन ऑफिसर/अपर जिलाधिकारी मनोज, आपरेशन सेक्शन/अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार, टीम कमाण्डर उप जिलाधिकारी महसी रामदास, काउण्टर पार्ट क्षेत्राधिकारी महसी एस.के. त्रिपाठी मौजूद रहे। मॉक ड्रिल की पटकथा के अनुसार घटना स्थल ग्राम सिलौटा में घाघरा नदी में बाढ़ आ जाने से क्षेत्र में पैदा हुई बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों के माॅकड्रिल के दौरान 02 व्यक्तियों के नदी में डूबते हुए दिखने पर 42वी वाहिनी एस.एस.बी. के रेस्क्यू रिसपांस टीम (आर.आर.टीम) सहायक कमाण्डेण्ट सौरभ रंजन के नेतृत्व में टीम लीडर लखपत सिंह तथा फ्लड पी.ए.सी. के हेड कांस्टेबल शमशाद अहमद तथा आपदा मित्रों द्वारा बचाने का पूर्वाभ्यास किया गया। पूर्वाभ्यास के दौरान नदी किनारे खड़े जवानों ने देखा कि बाढ़ के पानी में 02 व्यक्ति डूब रहे हैं और बचाव-बचाव की सदा लगा रहे हैं। मॉकड्रिल की मुख्य विशेषता यह रही कि बाढ़ के पानी में डूबते हुए 02 व्यक्तियों को सुरक्षित बचाने का अभ्यास किया गया। रामघाट पर 02 व्यक्तियों के बाढ़ के पानी में डूबने का दृश्य देखते ही नाव, मेगाफोन, लाइफ जैकेट, लाइफब्वाय, स्ट्रेचर, सेफ्टी हेलमेट, बाड़ी प्रोटेक्टर इत्यादि जीवन रक्षक उपकरणों के साथ मौजूद एस.एस.बी. की रिलीफ रेस्क्यू टीम तथा फ्लड पी.ए.सी. के जवानों ने आपदा मित्रों के साथ मोटर बोट से नदी में जाकर बाढ़ के पानी से संघर्ष कर रहे दोनों व्यक्तियों को मोटर बोट पर सवार किया और पूरी तत्परता के साथ उन्हें किनारे पर लेकर आये। पीड़ित व्यक्तियों को सुरक्षित किनारे पर लाकर सर्वप्रथम उन्हें प्राथमिक ट्रीटमेन्ट देते हुए स्ट्रेचर पर रखकर घटना स्थल पर मौजूद एम्बुलेंस तक ले गये। सभी जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेन्स पर मौजूद चिकित्सकों ने तत्काल पीड़ित व्यक्तियों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर ज़रूरी चिकित्सा देते हुए घायल व्यक्तियों को चिकित्सालय की ओर रवाना कर दिया। इन्सीडेन्ट कमाण्डर व प्लानिंग सेक्शन ऑफिसर/अपर जिलाधिकारी मनोज ने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य यह है कि हम वास्तविक आपदा आने से पूर्व ही उन्हीं परिस्थितियों का सामना करते हुए राहत व बचाव कार्यों को सम्पन्न कराकर अपनी तैयारियों को परख रहे हैं ताकि वास्तविक स्थिति उत्पन्न होने पर सभी सम्बन्धित विभाग बेहतर ढंग से कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के दिशा निर्देशन में सभी विभागों द्वारा मॉक ड्रिल के लिए बेहतर तैयारी की गयी है। श्री मनोज ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यदि वास्तविक आपदा जैसी कोई परिस्थितियॉ उत्पन्न होती हैं तो सभी विभाग बेहतर समन्वय के साथ कार्य कर सकेंगे। मॉकड्रिल के दौरान एस.एस.बी. व पी.ए.सी. के जवानों ने पब्लिक एैड्रेस सिस्टम से लोगों को बाढ़ के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों तथा घरेलू उपयोग की वस्तुओं से बचाव उपकरण तैयार किये जाने के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एम.के. सचान, डी.पी.आर.ओ. उमाकान्त पाण्डेय, परियोजना निदेशक डीआरडीए पी.एन. यादव, सहायक अभियन्ता ड्रेनेज खण्ड बी.बी. पाल, तहसीलदार विपुल कुमार, थानाध्यक्ष बौण्डी गणनाथ प्रसाद व हरदी के अनूप मणि त्रिपाठी, जिला आपदा विशेषज्ञ सुनील कन्नौजिया सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे।