बहराइच। जनपद में सम्भावित बाढ़, बाढ़ प्रभावित, जलप्लावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के बचाव एवं राहत कार्य की पूर्व तैयारी तथा ‘‘जिला स्तरीय रेस्पान्स टीम’’ के साथ मॉकड्रिल के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विधायक महसी सुरेश्वर सिंह, पयागपुर के सुभाष त्रिपाठी, नानपारा के राम निवास वर्मा, कैसरगंज के आनन्द कुमार यादव, विधायक सदर श्रीमती अनुपमा जायसवाल के प्रतिनिधि जय प्रकाश शर्मा व विधायक बलहा श्रीमती सरोज सोनकर के प्रतिनिधि आलोक जिंदल भी मौजूद रहे। बाढ़ प्रभावित, जलप्लावित क्षेत्रों के लोगों के बचाव एवं राहत कार्यों के निर्बाध संचालन के लिए विधायक महसी द्वारा सुझाव दिया गया कि नावों का पुनः सत्यापन करा लिया जाय ताकि बाढ़ के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या न आये। जनप्रतिनिधियों की ओर से यह भी सुझाव प्राप्त हुआ कि बाढ़ के दौरान संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ से पूर्व पशुओं के टीकाकरण के लिए अभियान संचालित कर खुरपका, मुॅहपका, गलाघोटू बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराने के साथ-साथ पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा इत्यादि का भी प्रबन्ध सुनिश्चित करा लिया जाय। जनप्रतिनिधियों की ओर से यह भी सुझाव प्राप्त हुआ कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संचारी रोगों की रोकथाम तथा बचाव के साथ व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान संचालित कर सभी लक्षित वर्ग को आच्छादित किया जाय। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में स्थित सी.एच.सी. व पी.एच.सी. पर जहरीले जानवरों से काटने के बचाव के लिए इंजेक्शन के साथ-साथ संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु आवश्यक दवाओं, क्लोरीन टेबलेट तथा ओआरएस का भी प्रबन्ध किया जाय। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के उप जिलाधिकारियों को सुझाव दिया गया कि तहसील अन्तर्गत भीड़-भाड़ वाले 02-02 स्थानो पर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों से समन्वय कर चबूतरा का निर्माण कराया जाय। बैठक के दौरान विधायक कैसरगंज ने जलभराव वाले स्थानों पर एण्टीलार्वा का छिड़काव कराने, विधायक पयागपुर ने भंगहा में कटान रोकने के वैकल्पिक व्यवस्था के साथ स्थायी समाधान के लिए प्रस्ताव तैयार करने, विधायक नानपारा ने बाजपुरवा में नदी की समस्या के समाधान कराये जाने तथा विधायक बलहा के प्रतिनिधि ने चहलवा में कटान को रोकने के लिए ड्रेजिंग कराने का प्रस्ताव तैयार करने का सुझाव दिया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जनपद के 506 विद्यालय ऐसे हैं जो जल प्लावित क्षेत्रों में आते हैं। बाढ़ के दौरान ऐसे विद्यालयों के संचालन के लिए वैकल्पिक स्थानों का चयन कर लिया गया है। आपदा के समय पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को एम.डी.एम. भी उपलब्ध कराया जायेगा। डीएम डॉ. चन्द्र द्वारा सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जनप्रतिनिधियों की ओर प्राप्त हुए सुझावों को बाढ कार्य योजना में शामिल किया जाय। डीएम ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि दौरान-ए-बाढ़ शासन की मंशानुरूप राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चैधरी, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, अपर जिलाधिकारी मनोज, अपर पुलिस अधीक्षक नगर कुॅवर ज्ञानंजय सिंह, उप जिलाधिकारी महसी रामदास, कैसरगंज के महेश कुमार कैथल, नानपारा के अजित परेश, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह, अधि.अभि. ड्रनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. चन्द्रपाल, जिला पंचायत राज अधिकारी उमाकान्त पाण्डेय, जिला पूर्ति अधिकारी अनन्त प्रताप सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एम.के. सचान, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार, डिप्टी कमाण्डेन्ट 42वी वाहिनी एस.एस.बी. पार्थासहाब, आपदा विशेषज्ञ सुनील कन्नौजिया सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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