एस टी एफ जवान हत्याकांड

बांदा। 22 जुलाई 2007 की रात डकैतों से घिरे 19 एसटीएफ जवानों ने साढ़े तीन घंटे तक मोर्चा लिया था,जिसमें कुल 824 कारतूस खर्च हुए थे। टनास्थल फतेहगंज थानाक्षेत्र का बघोलन तिराहा था।सटीएफ जवान दिन में मुठभेड़ में मारे गए डकैत मइयादीन का शव लेकर फतेहगंज की ओर जा रहे थे।रविवार रात साढ़े आठ बजे का समय था। बघोलन तिराहे पर पहुंचे ही थे कि पहले से घात लगाए डकैत ठोकिया ने अपने गिरोह के साथ सभी 19 जवानों को घेर लिया था। इनमें एसटीएफ लखनऊ के एसआई धीरेंद्र राय, एसआई दिनेश कुमार यादव, एसआई शरद तिलारा, एसआई शैलेंद्र सिंह, एसअई महावीर सिंह, हेड कांस्टेबल उपेंद्र सिंह, राजेश चौहान, शिवकुमार अवस्थी, सीपी योगेश कुमार, कांस्टेबल मनीर अहमद, मनीष उपाध्याय, लक्ष्मण शर्मा, गिरीश चंद्र नागर, दिनेश सिंह यादव, श्रीचंद्र यादव, बृजेश यादव, उमाशंकर यादव, बृजेश तिवारी, शेखम सिंह, चालक राममिलन सिंह और ईश्वरदेव सिंह शामिल थे।रात साढ़े 11 बजे तक एसटीएफ जवानों के मोर्चा लिया, जिसमें ठोकिया को अपने गिरोह के साथ भागना पड़ा था। डकैतों से मोर्चा लेने के दौरान एसटीएफ की ओर से कुल 824 राउंड फायरिंग की गई थी।