वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में कैद हुआ बाघ

बहराइच। वन विभाग द्वारा लगाये गए पिंजरे में मंगलवार को प्रातः 3 बजे हमलावर बाघ कैद हो गया। बीते 17 जून की रात्रि मझरा बीट में बाबा कुटिया के पास एक व्यक्ति पर बाघ ने हमला कर मार दिया था एवं उसके शरीर को खा लिया था। तत्पश्चात 18 जून को वन विभाग द्वारा व्यापक अभियान चलाते हुए बाघ को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया। इसी मध्य अन्य घटनाएं भी घटित हुई। वन विभाग द्वारा मझरा पूरब रेलवे स्टेशन से खैरटिया नया पिण्ड की ओर जा रहे मार्ग एवं अन्य संवेदनशील स्थलों पर बाघ की निगरानी के लिए लगभग तीन दर्जन टैªप कैमरे लगाए गए। हाथियों, ड्रोन एवं पिजड़ों की मदद ली गई। चार पशु चिकित्सकों, एसटीपीएफ के जवानों एवं वन कर्मियों की चार टीमें बनाई गई। जिनके द्वारा दिन रात निगरानी की जाती रही। टैप कैमरों से मिले चित्रों के विश्लेषण में दो बाघ बाघिन की उपस्थिति संरक्षित क्षेत्र में देखी गई। जिसमें से एक बाघिन का स्पस्ट रूप से मौजूद होना पाया गया। दूसरे बाघ बाघिन की तस्वीरों के आधार पर लिंग निर्धारण सम्भव नहीं हो पा रही थी। परन्तु साथ-साथ होने के कारण यह माना जा रहा था कि दोनों बाघिन होगी। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा पिंजरा लगाया गया था। पिंजरे में मंगलवार को प्रातः 3 बजे बाघ कैद हो गया। कैमरो से प्राप्त तस्वीरों में यह पाया गया कि उक्त बाघ के पिंजरे में कैद हो जाने के बाद बाघिन बार-बार उस पिंजरे के आसपास घूम रही थी। जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाघ बाघिन साथ-साथ घूम रहे थे। जिनकी तस्वीरें थोड़े अंतराल पर कैमरों में कैद हुई थी। बाहर विचरण कर रही बाघिन को पकड़ने के प्रयास किये जा रहे है। वन विभाग द्वारा आम जनमानस से अपील की जाती है कि वह वन विभाग को सहयोग प्रदान करे एवं अति आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकले। निकलना यदि अत्यन्त जरूरी हो तो आवाज लगाते हुए समूह में ही निकले। खेतों में भी कुछ दिनों के लिए काम रोक दे।