दलित, पिछड़ो की मजबूती को चिंतित रहते थे शाहूजी: अनुज

चित्रकूट। छत्रपति शाहूजी महाराज मानवतावादी आंदोलन के अजेय पुरोधा रहे। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक रूप से दलित पिछड़ा समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया। आरक्षण व्यवस्था देकर दलितों, पिछड़ों को आर्थिक रूप से मजबूत ही नहीं बल्कि उनकी शिक्षा के प्रति चिंतित रहे। ज्योतिबा फुले द्वारा चलाएं समाज सुधार और शिक्षा के प्रति जागरूकता आंदोलन को आजीवन आगे बढ़ाया।यह विचार रविवार को सपा जिलाध्यक्ष अनुज सिंह यादव ने छत्रपति शाहूजी महाराज जयंती के अवसर पर पार्टी कार्यालय में व्यक्त किए। इस दौरान सपाईयों ने चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। जिलाध्यक्ष यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में नाकाम रही। मोदी सरकार के प्रतिवर्ष दो करोड़ और मुख्यमंत्री योगी के 70 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा जुमला साबित हुआ। नीतियां संविधान, दलित, पिछड़ा विरोधी हैं। जिला प्रवक्ता सुभाष पटेल ने कहा कि छत्रपति साहूजी महाराज 1902 में सर्वप्रथम अपने राज्य में सरकारी नौकरियों में दलितों और पिछड़ों को आरक्षण देने का काम ही नहीं किया बल्कि उस समय विदेश में पढ़ने वाले गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति देने का काम किया था। इस मौके पर मान सिंह पटेल, पप्पू जायसवाल, सीताराम कश्यप, फूलचंद यादव, नरेंद्र यादव, गया प्रसाद सविता, राम प्रसाद वर्मा, मो लतीफ सौदागर, राजकिशोर विश्वकर्मा, राधेश्याम निषाद, गोपीचंद यादव आदि मौजूद रहे।