नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जल संरक्षण समय की जरूरत है और देश की आबादी को पर्याप्त जल पहुंचाने के लिए वर्षा जल का संरक्षण आवश्यक हो गया है। मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि अब बरसात का समय आने वाला है और देश में जल संरक्षण को लिए इस अवसर का लाभ उठाने की ज़रूरत है। बरसात केदिन जो अवसर उपलब्ध कराते हैं उनका पूरा उपयोग किये जाने की ज़रूरत है।उन्होंने कहा कि गांव में पर्याप्त जल उपलब्ध कराने के लिए पुरानी बावड़ियों को सुधार कर उन्हें अच्छा बनाने की जरूरत है। इस संबंध में उन्होंने राजस्थान में बावड़ी को ठीक करने के लिए किए जा रहे एक प्रयास का जिक्र किया और कहा कि वहां आनंद के साथ बाबडी को ठीक करने का काम युवा जर रहे है। मोदी ने कहा कि वहां के युवाओं में संगीत कार्यक्रम को आधार बनाकर सहजता के साथ बाबड़ी को पुनर्जीवित करने का काम किया है। इस अभियान की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। बड़ी बात यह है कि जल स्रोतों को संरक्षित करने का बीड़ा चार्टर्ड अकाउंटेंट उठाया है और उनके इस कार्यक्रम में सुर तथा ताल का समन्वय किया गया है जिसमे युवक जुड़ रहे है और उनके सह्योग से राजस्थान में बाबड़ियों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जल संरक्षण के लिए नदी उत्सव भी आयोजित किया जा रहै है। इससे नदियों को सुरक्षित और संरक्षित रखने कभी काम हो रहा है उनकी साफ सफाई को भी महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास हमारे स्वभाव का हिस्सा बनना चाहिए ताकि देश में जल संरक्षण को बढ़ावा मिल सके और नदियों को स्वच्छ रखा जा सके।प्रधानमंत्री ने इसे बड़ा सामाजिक बदलाव बताया और कहा कि इसमें लोगों में जो नयी चेतना विकसित हो रही है वह नदियों को बचाने और जल संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा।
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