कोरोना उत्पत्ति की जांच में सहयोग करे चीन

जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस घेबियस ने चीन से कोविड-19 की उत्पत्ति की चल रही जांच में सहयोग करने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद डॉ टेड्रोस ने ये बात कही। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अब जब वायरस के ओरिजन की जांच का अगला चरण चल रहा होगा तो बेहतर सहयोग और ट्रांसपेरेंसी होगी।उन्होंने कहा “जैसा कि आप सब जानते हैं कि हमें इस वायरस की उत्पत्ति को समझने या जानने के लिए पारदर्शिता की आवश्यकता है और इसलिए हमें चीनी पक्ष से सहयोग चाहिए। इससे पहले रिपोर्ट जारी होने के बाद डेटा साझा करने में कठिनाइयां थीं, खासकर रॉ डेटा में।” द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार उन्होंने आगे कहा कि जांच के अगले कदम की तैयारी चल रही है। साथ ही जी-7 के नेताओं ने शनिवार को वायरस की उत्पत्ति के मुद्दे पर चर्चा की है। बता दें कि कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कहा था कि वो चीन को मजबूर नहीं कर सकता कि चीन वायरस की उत्पत्ति को लेकर और अधिक आकड़े पेश करे। दरअसल, डब्लूएचओ ने कहा था कि चीन पर दबाव बनान उचित नहीं लेकिन इस बात की जांच लगातार चलती रहेगी कि आखिरकार वायरस कहां से आया और कैसे इस तरह दुनियाभर में फैल गया।बता दें कि चीन अपनी लैब से वायरस लीक के इन आरोपों को लगातार खरिज करता रहा है। उसका कहना है कि वायरस वुहान में फैलने से पहले दूसरे इलाकों में फैला था।चीन का कहना है कि हो सकता है वायरस बाहर से आए खाने की शिपमेंट या जंगली जानवरों, व्यापार के जरिए चीन में फैला हो। डॉ. फासी ने बताया कि उनका मानना है कि कोरोना वायरस पहले जानवरों के जरिए इंसानों में फैला था। इस पर नए सिरे से फिर से जांच करना बेहद ही जरूरी है। इसकी जांच आगे जारी रहनी चाहिए।बता दें ‎कि दुनिया भर में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। करोड़ों लोग इसकी चपेट में आए, जबकि लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं चीन पर कोरोना वायरस को वुहान लैब में बनाने के आरोप लगते रहे हैं। इसकी जांच को लेकर अब ड्रैगन पर दबाव बढ़ता जा रहा है।