रूसी सशस्त्र बल बनेंगे और आधुनिक, साल के अंत तक तैनात कर दी जाएंगी महाविनाशक सरमत मिसाइल : पुतिन

मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि सन 2022 के अंत तक मॉस्को अपने सशस्त्र बलों को और मजबूत और आधुनिक बनाएगा जिसमें हाल ही में टेस्ट की गई सरमत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) की तैनाती शामिल होगी। पुतिन ने मिलिट्री एकेडमी ग्रेजुएट्स के साथ एक टीवी मीटिंग के दौरान यह बयान दिया है। पुतिन ने महाविनाशक मिसाइल की तैनाती की बात ऐसे समय पर की है, जब रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के 4 महीने पूरे होने वाले हैं। पुतिन ने रूस में विकसित आईसीबीएम का जिक्र करते हुए कहा ऐसी योजना है कि साल के अंत तक, ऐसा पहला कॉम्प्लेक्स कॉम्बैट ड्यूटी पर होगा। रूस की आईसीबीएम एकसाथ 10 से अधिक न्यूक्लियर वारहेड ले जाने में सक्षम है। रूस ने इस मिसाइल का परीक्षण अप्रैल में किया था जिसने तमाम विशेषज्ञों सहित पश्चिम की चिंता को बढ़ा दिया था। पुतिन ने कहा कि मिसाइल की तैनाती रूसी सेना के एक बड़े विकास का हिस्सा होगी।रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि सैनिकों को एस-500 एयर डिफेंस और मिसाइल डिफेंस सिस्टम पहले ही मिलने शुरू हो गए हैं, जिनका ‘दुनिया में कोई जोड़ नहीं है। रूस एस-500 के साथ अपने एयर डिफेंस सिस्टम में बड़े पैमाने पर सुधार कर रहा है जिसे कम समय में तैनात कर लंबी दूरी के विमानों, हाइपरसोनिक मिसाइलों और आईसीबीएम को रोका जा सकता है। पुतिन ने यूक्रेन में जंग लड़ रहे रूसी बलों की तारीफ करते हुए कहा कि वे ‘असली हीरो की तरह साहस और प्रोफेशनलिज्म दिखा रहे हैं।रूस की सरमत मिसाइल अमेरिका तक परमाणु हमला करने में सक्षम है। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने महाशक्तिशाली परमाणु मिसाइल आरएस-28 सरमत का परीक्षण कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। इसकी कमान रूस की स्ट्रैटजिक रॉकेट फोर्सेज के हाथ में होती है। इस मिसाइल को रूसी कंपनी मेकयेव रॉकेट डिज़ाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। यह मिसाइल 2009 से अंडर ट्रायल है, इसे 2022 में ही रूसी सेना में कमीशन करने का प्लान है। इस मिसाइल का मास 208.1 मीट्रिक टन है, जबकि लंबाई 35.5 मीटर और गोलाई 3 मीटर है। एक आरएस-28 सरमत मिसाइल के अंदर 10 से 15 वॉरहेड लगे होते हैं, जो दूसरे फेज में हाई स्पीड से अलग-अलग जगहों पर निशाना साध सकते हैं। भारी भरकम आरएस-28 सरमत मिसाइल को पावर देने के लिए आरडी-274 लिक्विड रॉकेट इंजन लगाया गया है। इस मिसाइल की ऑपरेशन रेंज 18000 किमी है। यह मिसाइल मैक 20.7 (लगभग 25560 किलोमीटर प्रति घंटा) की स्पीड से उड़ान भर सकती है।