बहराइच। सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में 29 जून एवं 05 व 07 जुलाई को प्रस्तावित मॉक एक्सरसाइज तथा बाढ़ आपदा रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उ.प्र. राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार ब्रिगेडियर प्रमोद कुमार सिंह ने जिले के अधिकारियों को आहवान किया कि आपदा प्रबन्धन के लिए तैयार की गयी कार्ययोजना का पुनः मूल्यांकन कर लें। यदि कहीं पर कोई कमी हो तो उसे बाढ़ से पूर्व संशोधित कर लें। श्री सिंह ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि तैयार कार्ययोजना के साथ क्षेत्र का भ्रमण कर वस्तुस्थिति को बेहतर ढंग से समझ लें ताकि आपदा के समय आवश्यकतानुसार उसमें फेर-बदल भी किया जा सके।वरिष्ठ सलाहकार श्री सिंह ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों का आहवान किया कि आपदा के समय न्यून से न्यूनतम जानी व माली नुकसान हो इसके लिए प्रत्येक स्तर सतर्कता व सजगता बरती जाय तथा संवेदनशील स्थलों जैसे तटबन्ध इत्यादि की राउण्ड-द-क्लाक निगरानी की जाय। श्री सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एडवान्स एलार्मिंग सिस्टम को एक्टिवेट करने तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सूचनातंत्र को इस प्रकार से विकसित करने का निर्देश दिया कि बचाव एवं राहत कार्यों के संचालन के दौरान किसी भी स्तर पर संवादहीनता की स्थिति सामने न आये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा न्यूनीकरण के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता, प्रशिक्षण एवं मॉक ड्रिल का अभ्यास कराये जाने का निर्देश देते हुए ऐसी गतिविधियों में महिलाओं को भी शामिल करने का सुझाव दिया। श्री सिंह ने ब्रजपात से बचाव के दृष्टिगत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विकसित किये गये दामिनी ऐप की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए सभी अधिकारियों को दामिनी ऐप डाउनलोड करने तथा अधिक से अधिक नागरिकों को ऐप डाउन लोड कराने के लिए प्रेरित करने की बात कही। दामिनी पर चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह ऐप 0 से 15 मिनट के अन्तराल में गिरने वाली आकाशीय बिजली के बारे में चेतावनी जारी कर देगा। उन्होंने कहा कि फील्ड में कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए यह ऐप संजीवनी साबित होगा। वरिष्ठ सलाहकार ने यह भी सुझाव दिया कि जिला स्तरीय इन्सीडेन्ट रेस्पांस टीमों को सक्रिय कर उन्हें उनके कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्व से आगाह कर दिया जाय ताकि आपदा के समय वे बेहतर ढंग से रिस्पांस कर सके। वरिष्ठ सलाहकार द्वारा जनपद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों को चिन्हित कर मॉडल रिलीफ कैम्प बनाये जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इन रिलीफ कैम्पों में सभी मूलभूत सुविधाएं यथा शौचालय, भोजन, चिकित्सा, स्वच्छ पेयजल इत्यादि के प्रबन्ध किये जायें। ताकि पीड़ितजन को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाये। बैठक के दौरान जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र ने जनपद में सम्भावित बाढ़ की रोकथाम, बचाव एवं राहत कार्यो के संचालन के लिए विभागवार तैयार की गई कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की। डाॅ. चन्द्र ने बताया कि बाढ़ सम्बन्धी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कन्ट्रोल रूम संचालित कर दिया गया है। बाढ़ चैकियों, शरणालय, नावों, नाविकों, लंगर स्थल, राहत वितरण केन्द्रों इत्यादि का चिन्हाॅकन कर लिया गया है। माॅक ड्रिल के लिए सभी तैयारियाॅ पूर्ण कर ली गयी। राहत कार्यों के निर्बाध संचालन के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सड़कों इत्यादि की मरम्मत के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। बाढ़ के दौरान पशुओं के उपचार एवं चारे-पानी तथा मनुष्यों के उपचार के लिए सम्बन्धित विभागों द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की गयी है। अपर जिलाधिकारी मनोज ने जनपद की भौगोलिक स्थिति, विगत वर्षों में बाढ़ की स्थिति, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तटबन्धों इत्यादि का विवरण, राशन किट, भूसा इत्यादि की व्यवस्था के बारे में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चैधरी, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, अपर जिलाधिकारी मनोज, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार, उप जिलाधिकारी नानपारा अजीत परेस, उप जिलाधिकारी महसी रामदास, कैसरगंज महेश कुमार कैथल, मोतीपुर ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, सीएमओ डा. एस.के. सिंह, प्रशिक्षु पीपीएस आनन्द कुमार राय, सीवीओ डॉ. एम.के. सचान, डीपीआरओ उमाकान्त पाण्डेय, अधिशाषी अभियन्ता ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, लो.नि.वि. ए.के. वर्मा, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत मुकेश बाबू, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत नानपारा कृष्ण कुमार, ईओ बहराइच दुर्गेश्वर त्रिपाठी, रिसिया शैलेन्द्र मिश्रा, बीएसए अजय कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ सुनील कुमार कनौजिया सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
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