पेरिस। फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बहुमत पाने में पिछड़ते दिख रहे है। एग्जिट पोल के मुताबिक नवगठित वामपंथी और दक्षिणपंथी दलों को रेकॉर्ड जीत मिलेगी, जिसके कारण नेशनल असेंबली में मैक्रों अपना बहुमत खोते हुए दिख रहे हैं। रविवार को आए एग्जिट पोल से फ्रांस की राजनीति में उथल-पुथल मच गया है। जब तक मैक्रों अन्य दलों के साथ गठबंधन में सक्षम नहीं होते तब तक फ्रांस में एक कमजोर विधायिका की संभावना बढ़ गई है। अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए यूरोपीय संघ के प्रमुख राजनेता के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिश करने वाले इमैनुएल मैक्रों अपने ही घर में घिरते हुए दिख रहे हैं।आंशिक परिणामों पर आधारित अनुमानों से पता चलता है कि मैक्रों के उम्मीदवार 200 से 250 सीटों पर विजयी रहेंगे। सीटों की यह संख्या फ्रांस की संसद के सबसे शक्तिशाली सदन नेशनल असेंबली में सीधे बहुमत के लिए आवश्यक 289 सीटों से बहुत कम है। यह स्थिति फ्रांस में असामान्य है। वास्तविक परिणाम यदि अनुमानों के अनुरूप रहे तो इससे मैक्रों को मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। एक नये गठबंधन के लगभग 150 से 200 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनने का अनुमान है। मरीन ले पेन की धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली को संभावित रूप से 80 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है, जिसके पास पहले आठ सीटें थीं। प्रधान मंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने एक बयान में कहा कि ये स्थिति हमारे देश के लिए जोखिम भरी है। हमें चुनौतियों का सामना करना होगा। हम कल से ही बहुमत बनाने में लग जाएंगे। वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर ने परिणामों को लोकतंत्र के लिए झटका करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि वह सभी यूरोपीय समर्थक लोगों तक पहुंचेंगे। फ्रांस में आगे क्या होगा इसे लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ऐसा 1988 में संसदीय चुनावों में हुआ था जब एक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। हालांकि मैंक्रों के पास एक विकल्प ये भी होगा कि बहुमत न मिलने पर वह देश में स्नैप चुनाव यानी समय से पहले चुनाव करा लें।इमैनुएल मैक्रों के सामने राष्ट्रपति की उम्मीदवार रहीं ले पेन की पार्टी को 80 सीटें मिली हैं। ले पेन के पिता जेन मरी ने चार दशक पहले दक्षिणपंथी दल नेशनल रैली का गठन किया गया था। ले पेन ने इस चुनाव में सभी को हैरान करते हुए एक बड़ी जीत दर्ज की है। 2017 में उनकी पार्टी ने सिर्फ आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार उन्होंने फ्रांस में 15 फीसदी सीटों पर कब्जा जमाया है। ले पेन ने कहा कि वह दक्षिणपंथी और वामपंथी दलों के राष्ट्रभक्तों को एक साथ लाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि मैक्रों का एडवेंचर अब अपने अंत को पहुंच गया है। उन्होंने दावा किया कि वह एक मजबूत विपक्ष बन कर उभरेंगी।
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