मंकीपॉक्स वायरस का नया नाम तलाशने की कवायद में जुटा डब्ल्यूएचओ

जिनेवा । कोरोना वायरस के बाद मंकीपॉक्स वायरस ने दुनिया में दहशत फैला दी है। मई में पहली बार मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद से ये खतरनाक वायरस 30 देशों में फैल चुका है। ऐसे समय में जब मंकीपॉक्स के कारण पूरी दुनिया में चिंता बढ़ती जा रही है, इस वायरस के लिए जल्द ही एक नए नाम की उम्मीद की जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वह मंकीपॉक्स का नाम बदलने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशविरा कर रहा है। मंकीपॉक्स का प्रकोप ऐसे समय में फैल रहा है जब दुनिया को अभी तक कोरोनावायरस से ही पूरी तरह राहत नहीं मिल सकी है।मंकीपॉक्स का नाम बदलने की जरूरत इसलिए महसूस की जा रही है क्योंकि मई से पहले तक ये वायरस काफी हद तक अफ्रीकी देशों तक ही सीमित था। ये एक बड़ा कारण है कि अब तक मंकीपॉक्स को भेदभाव से जोड़कर देखा गया है। अब मंकीपॉक्स यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैल गया है। खबर के मुताबिक डब्ल्यूएचओ अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहा है कि इसका प्रकोप कैसे हुआ। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ मंकीपॉक्स वायरस के नाम और इससे होने वाली बीमारी के नाम को बदलने पर काम कर रहा है। नए नामों के बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी।अब तक 30 से अधिक ऐसे देशों में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं जहां पहले इस वायरस को नहीं पाया गया था। ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 1,900 तक पहुंच गई है। इनमें से ज्यादातर मामले यूरोप के हैं। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, ग्रीस, इटली, आयरलैंड, इटली, पोलैंड, पुर्तगाल और रोमानिया में मंकीपॉक्स के मामले पाए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया, यूएई और इज़राइल ने भी मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए हैं। 14 जून तक केवल ब्रिटेन में ही मंकीपॉक्स के 524 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।