सोयाबीन और मूंगफली सहित खाने के तेल की कीमतों में आई ‎गिरावट, सरसों तेल में तेजी

नई दिल्ली। ‎विदेशी बाजारों में मंदी की वजह से देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन तेल और मूंगफली तेल कीमतों में गिरावट आई। वहीं उपलब्धता की कमी और मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन एवं मूंगफली तिलहन के साथ-साथ बिनौला तेल के भाव सुधार के साथ बंद हुए। बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे। बाजार सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने से सीपीओ के भाव पूर्व सप्ताहांत के मुकाबले हानि के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा नीचे के भाव पर अपनी उपज नहीं बेचने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन और मूंगफली तिलहन के भाव में मजबूती रही, जबकि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव के टूटने से सोयाबीन एवं मूंगफली तेल के भाव हानि के साथ बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक निरंतर घट रही है और समीक्षाधीन सप्ताह में शनिवार को इसकी आवक घटकर लगभग 2.75-3 लाख बोरी रह गई है। जबकि देश में सरसों की मांग प्रतिदिन करीब पांच लाख बोरी की है। सरसों की अगली फसल आने में लगभग आठ-साढ़े आठ माह की देर है और बरसात के साथ इस तेल की मांग बढ़ना तय है।बरसात में बढ़ जाएगी तेलों की मांग: बाजार के जानकारों ने बरसात के दिनों में खाद्य तेलों की मांग बढ़ने की बात कहीं है। सरसों और इसका कोई विकल्प न होने और सभी तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण सरसों का रिफाइंड बनाया जा रहा है। इस पर रोक लगाये जाने की जरूरत है। सरसों की चौतरफा मांग होने से सरसों तेल-तिलहन के भाव समीक्षाधीन सप्ताह में लाभ के साथ बंद हुए।एमआरपी व्यवस्था को बनाया जाए दुरुस्त: सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सरकार के एक फैसले में रिफाइनिंग नहीं कर सकने वाले आयातकों को आयात करने पर शुल्क में मिलने वाली छूट से वंचित रखा गया है, जो उचित नहीं है। केवल तेल रिफाइनिंग कर उपभोक्ताओं को बिक्री करने वालों को आयात पर शुल्क से छूट देना अपेक्षित परिणाम नहीं देगा क्योंकि जब तक अधिकतम खुदरा मूल्य व्यवस्था को दुरुस्त नहीं की जाती है, तब तक नये आयातित तेलों को भी मनमाने भाव से बेचने पर कौन अंकुश लगाएगा।सरसों तेल का भाव: सरसों तेल के मामले में 150-151 रुपए लीटर के थोक भाव पर खरीद करने के बाद उपभोक्ताओं को खुदरा व्यापारी के सारे खर्च और लाभ जोड़कर 155-162 रुपए लीटर के भाव सरसों तेल मिलना चाहिए। लेकिन इसके बजाय एमआरपी की आड़ में सरसों तेल 190-210 रुपए लीटर के भाव पर बेचा जा रहा है। सरकार को पहले एमआरपी व्यवस्था को दुरुस्त करने का इंतजाम करना चाहिए।स्टॉक लिमिट लगाने का नहीं होगा स्थायी फायदा: सूत्रों ने कहा कि सरकार खाद्य तेलों के स्टॉक रखने की सीमा (स्टॉक लिमिट) लगाती है और बाद में छापेमारी की जाती है। लेकिन इन उपायों का कोई स्थायी परिणाम नहीं मिलता है। समीक्षाधीन सप्ताह में मक्का खल का दाम 10 रुपए की मामूली तेजी के साथ 4,010 रुपए क्विंटल पर बंद हुआ।सरसों दाने में तेजी: सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 75 रुपए सुधरकर 7,515-7,565 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल 200 रुपए सुधरकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 15,300 रुपए क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 25-25 रुपए सुधरकर क्रमश: 2,395-2,475 रुपए और 2,435-2,540 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।सोयाबीन दाने में भी तेजी: सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में किसानों द्वारा नीचे भाव पर अपनी उपज बेचने से बचने के कारण सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 200-200 रुपए सुधार के साथ क्रमश: 6,950-7,050 रुपए और 6,650-6,750 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुए।सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट: दूसरी ओर समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशों में तेल कीमतों के भाव टूटने से सोयाबीन तेल कीमतें नुकसान के साथ बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 100 रुपए की हानि के साथ 16,100 रुपए और सोयाबीन डीगम का भाव 210 रुपए की गिरावट के साथ 14,500 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सोयाबीन इंदौर के भाव 15,700 रुपए प्रति क्विंटल पर पूर्ववत बंद हुए।
मूंगफली तेल में नरमी: किसानों द्वारा कम भाव पर बिक्री नहीं करने से मूंगफली तिलहन का भाव 50 रुपए के सुधार के साथ समीक्षाधीन सप्ताह में 6,815-6,950 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। विदेशों में गिरावट आने से मूंगफली तेल के भाव नरम बंद हुए। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 70 रुपए की गिरावट के साथ 15,950 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 15 रुपए टूटकर 2,660-2,850 रुपए प्रति टिन पर बंद हुआ।कच्चे पाम तेल में भी गिरावट: समीक्षाधीन सप्ताह में मलेशिया के कमजोर रहने से कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव भी 450 रुपए टूटकर 13,950 रुपए क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 210 रुपए टूटकर 15,650 रुपए और पामोलीन कांडला का भाव 320 रुपए टूटकर 14,380 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का भाव 200 रुपए मजबूत होकर 15,200 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।