नयी दिल्ली|सरकार ने बुधवार को वर्ष 2021-22 के लिए नाइट्रोजन फॉस्फोरस और पोटास पर सब्सिडी दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उर्वरक विभाग ने प्रस्ताव दिया था कि वर्ष 2021-22 मौजूदा मौसम तक के लिये पी.एंड.के उर्वरकों पर पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी तय कर दी जाये। नाइट्रोजन पर प्रति किलो 18 रुपए से अधिक फॉस्फोरस पर 45 रुपए से अधिक और पोटाश पर 10 रुपए से अधिक की सब्सिडी दी गई है ।सरकार उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है खासतौर से यूरिया और 22 ग्रेड वाले पी.एंड.के उर्वरकों की जिसमें डीएपी भी शामिल है। ये उर्वरक किसानों को सब्सिडी के आधार पर उर्वरक निर्माताओंध्आयातकों से मिलेंगे। पी.एंड.के उर्वरकों पर सब्सिडी एनबीएस योजना के आधार पर दी जा रही है जो एक अप्रैल 2010 से प्रभावी है। किसान.समर्थक भावना के साथ सरकार इस बात के लिये प्रतिबद्ध है कि पी.एंड.के उर्वरक की उपलब्धता किसानों को सस्ती दरों पर सुनिश्चित की जाये। यह सब्सिडी एनबीएस दरों पर उर्वरक कंपनियों को जारी की जायेगी ताकि किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक मिल सके।पिछले कुछ महीनों में डीएपी और अन्य पी.एंड.के उर्वरकों के कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तैयार डीएपी आदि की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। कीमतें तेजी से बढ़ने के बावजूद भारत में डीएपी की कीमतें शुरुआत में कंपनियों ने नहीं बढ़ाई थीं हालांकि कुछ कंपनियों ने इस वित्त वर्ष की शुरूआत में डीएपी की कीमत में इजाफा किया था।किसानों की चिंताओं से सरकार पूरी तरह अवगत है और उन चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। सरकार हालात से निपटने के लिये कदम उठा रही है ताकि किसान समुदाय को पी.एंड.के उर्वरकों (डीएपी)सहित की बढ़ती कीमतों के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके।चंद महीनों में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के नीचे आने की संभावना को देखते हुए सरकार हालात का जायजा लेगी और उसके अनुसार स्थिति को देखते हुये सब्सिडी दरों के सम्बंध में फैसला करेगी। अतिरिक्त सब्सिडी की इस व्यवस्था से लगभग 14,775 करोड़ रुपये के बोझ का अनुमान है।
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