चित्रकूट। जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में जिला शिक्षा एवं अनुश्रवण समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण स्कूल चलो अभियान है, लेकिन इसमें डाटा नहीं फीड किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मकड़जाल बनाकर न लाएं। डाटा का विश्लेषण होना चाहिए। सबसे ज्यादा किस ब्लॉक में शिक्षक अनुपस्थित रहे हैं इन सभी के डाटा रहने चाहिए। जिला पूर्ति अधिकारी व आईसीडीएस से संपर्क कर राशन वितरण पर चर्चा करें। उन्होंने कहा सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से कार्य हों। छात्र परीक्षा स्थिति में ही सीखता है। इस पर भी फोकस किया जाना चाहिए। प्राथमिक विद्यालयों की पुरानी पुस्तकें के संकलन का डाटा रहे। कहा कि किताब जुलाई में आएगी। वितरण योजना बनाएं। एआरटीओ से बात कर वाहन की व्यवस्था करा ले। बच्चों को स्कूल खुलने पर दो सप्ताह में पढ़ाएं और इनकी परीक्षा भी कराएं। जब तक परीक्षा नहीं कराएंगे तब तक बच्चे सीख नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई करना है। सेकेंडरी कार्य में स्कूल, शौचालय बनाना, खाना बनवाना, ड्रेस देना आदि है। उन्होंने कहा कि अटेंडेंस बच्चों व शिक्षकों की होनी चाहिए। विभाग को जो दूर के विद्यालय है उसकी भी चिंता करनी चाहिए। नीति आयोग के बिंदुओ को बनाकर एक हफ्ते में दिखाएं। कायाकल्प के अंतर्गत अच्छी क्वालिटी के फर्नीचर हो। उन्होंने सभी एबीएसए से कहा कि विद्यालयवार सूची उपलब्ध कराकर संबंधित बीडीओ को उपलब्ध कराएं। जिससे जल्द व्यवस्था किया जाए। प्रधानों व सचिवों को बताएं कि प्राथमिक एजेंडा है। मेहनत से कार्य करें। निपुण भारत के अंतर्गत कहा कि नीति आयोग के 19 पैरामीटर इसमें जोड़ कर आए और जब भी मीटिंग होती है तो पढ़ कर आए। इस अवसर पर सीडीओ अमित आसेरी, डीआईओएस बलिराज राम, बीएसए राजीव रंजन मिश्र, पीडी ऋषि मुनि उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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