चीन में सुस्त हुई जनसंख्या वृद्धि दर, एलन मस्क ने कहा हर पीढ़ी के साथ बढ़ रहा खतरा

बीजिंग। दुनिया के सबसे बड़े देश में जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार अब सुस्त हो गई है। बात चीन की हो रही है, जिसकी जनसंख्या दुनिया की आबादी के छठे हिस्से से भी ज्यादा है। चार दशकों तक चीन की आबादी तेजी से बढ़ती रही और 660 मिलियन से बढ़कर 1.4 बिलियन हो गई। लेकिन पिछले साल इसके बढ़ने की रफ्तार में पहली बार गिरावट दर्ज की गई। चीन ही नहीं, दुनिया के कई देशों की जन्मदर घट रही है जो भविष्य में बड़े संकट का रूप ले सकती है। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने इस पर चिंता जाहिर की है। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स के हालिया आंकड़ों के अनुसार, 2021 में चीन की जनसंख्या 1.41212 बिलियन से बढ़कर सिर्फ 1.41260 हुई। 480,000 की यह बढ़ोत्तरी अब तक की सबसे कम है। माना जा रहा है कि सख्त कोविड प्रतिबंधों ने लोगों में बच्चे पैदा करने की अनिच्छा को जन्म दिया जो घटती जन्मदर का कारण बना है। 1980 के दशक के अंत में चीन की कुल प्रजनन दर (प्रति महिला जन्म) 2.6 थी। 1994 से यह 1.6 और 1.7 के बीच रही लेकिन 2020 में यह घटकर 1.3 और 2021 में 1.15 हो गई।एलन मस्क ने ट्वीट करते हुए चीन की घटती जन्मदर पर चिंता जताई है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ज्यादातर लोग अभी भी सोचते हैं कि चीन में वन-चाइल्ड पॉलिसी है। चीन में पिछले साल अब तक की सबसे कम जन्मदर दर्ज की गई, जबकि वहां थर्ड चाइल्ड पॉलिसी लागू है। वर्तमान जन्मदर पर, चीन हर पीढ़ी में 40 फीसदी लोगों को खो देगा। जनसंख्या का पतन। इससे पहले भी मस्क घटती जनसंख्या के प्रति अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि 20 साल में ‘घटती जनसंख्या’ दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन जाएगी। मस्क ने 2019 में चीन के अरबपति जैक मा के साथ एक बातचीत में घटती जनसंख्या को मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि आने वाले 20 साल में दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या घटती जनसंख्या होगी। उनकी बातों पर सहमति जताते हुए जैक मा ने कहा कि जनसंख्या की समस्या एक बड़ी चुनौती बनने वाली है। चीन में 1.4 बिलियन लोग बहुत लगते हैं, लेकिन आने वाले 20 साल में यह बात चीन के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आएगी।