नई दिल्ली । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में इस मामले की जांच करानी चाहिए। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा कि 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन सिर्फ पांच मिनट के बाद प्रधानमंत्री जी द्वारा बनाए गए श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से 18.5 करोड़ रुपये में खरीद ली गई। यानी जमीन की कीमत 5.5 लाख रुपये प्रति सेकंड की दर से बढ़ गई। यह सारा पैसा हिंदुस्तान की जनता द्वारा मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में दिया गया था। प्रियंका गांधी ने दावा किया कि जमीन की खरीदी-बिक्री से सम्बंधित बैनामे और रजिस्ट्री में गवाहों के नाम समान हैं। एक गवाह मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं, जो आरएसएस के पूर्व प्रांतीय कार्यवाहक रहे हैं और दूसरे गवाह भाजपा नेता एवं अयोध्या के महापौर हैं। उनके मुताबिक, खबरों में कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी की ओर से भी ट्रस्ट के संचालन में मनमानी तथा अपारदर्शिता का आरोप लगाया गया है। प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन प्रधानमंत्री जी ने किया था। प्रधानमंत्री जी के बहुत करीबी लोग इसमें ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट का सीधा आशय भरोसे से होता है। प्रधानमंत्री जी की जिम्मेदारी है कि प्रभु श्रीराम के नाम, भक्तों द्वारा चढ़ाई गई पाई-पाई का इस्तेमाल आस्था से जुड़े सामूहिक कार्य में हो, न कि किसी घोटाले में। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आस्था में अवसर तलाशने का कोई भी प्रयास करोड़ों भारतीयों की आस्था पर चोट है और महापाप है। उन्होंने आग्रह किया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट का गठन हुआ है। देशवासियों की तरफ से हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट इस पूरे घोटाले की अपनी निगरानी में जांच करवाए।
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