लंदन। अमेरिका की ओर से यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों की आपूर्ति से रूस आग-बबूला हो गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को सीधी चेतावनी देते हुए कहा यदि संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति शुरू की तो रूस नए लक्ष्यों को निशाना बनाएगा। खास तौर पर उन ठिकानों को जो अब तक इस युद्ध में रूसी हमलों से अछूते हैं। हालांकि, पुतिन ने उन लक्ष्यों के नाम का उल्लेख नहीं किया, वह निशाना बनाने वाला है। एक साक्षात्कार में पुतिन ने कहा यूक्रेन को पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति सैन्य उपकरणों के नुकसान की भरपाई के लिए है। पुतिन ने यह भी दावा किया कि रूसी विमानों ने दर्जनों यूक्रेनी हथियारों को नष्ट किया है। मालूम हो कि यूक्रेन रूसी सेना को पीछे खदेड़ने और रूसी हथियारों के भंडार पर हमला करने के लिए एम270 और एम142 हिमार्स जैसे मल्टीपल राकेट लान्चर सिस्टम (एमएलआरएस) की मांग कर रहा है।इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना की तोपों की गोलाबारी में 17 वीं सदी का यूक्रेन का आर्थोडाक्स मोनेस्ट्री नष्ट हो गया है और उसके साथ बना गिरजाघर भी आग लगने से बर्बाद हो गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने धर्मस्थल पर हमले से इन्कार किया है। रूस ने आरोप लगाया कि यूक्रेन की सेना पीछे हटते हुए चर्च और अन्य धर्मस्थलों को बर्बाद करती जा रही है जिससे उसे रूसी सेना को बदनाम करने का मौका मिले। इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करके ऐतिहासिक गलती की है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन की इस गलती के लिए रूस को अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। मौजूदा वक्त में यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का कूटनीतिक कोशिशें की जानी चाहिए। फ्रांस इसमें अहम भूमिका अदा कर सकता है। फ्रांस युद्धविराम के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। वहीं इस बयान से नाराज यूक्रेन ने कहा है कि रूस के साथ शांति वार्ता का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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