नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय से कहा कि वह ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ के आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई करे।न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ ने एनसीपी नेता देशमुख की गुहार पर शीघ्र सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की अनुमति देते हुए संबंधित पीठ को तेज गति से सुनवाई करने का निर्देश दिया।पीठ ने इसके साथ ही देशमुख की जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय के बार-बार स्थगन संबंधि (देशमुख द्वारा) सवाल उठाने वाली याचिका का निस्तारण कर दिया।याचिकाकर्ता की ओर से वकील वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि वह ( देशमुख) 73 साल के हैं। बहुत बीमार हैं। उनकी याचिका 25 मार्च को दायर की गई थी लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई है।श्री सिब्बल ने दलीलें देते पीठ के समक्ष अनुरोध किया,“मैं (देशमुख) केवल यह चाहता हूं कि मेरे आवेदन पर सुनवाई हो। इसे फिर से सुनवाई करने पर विचार किया जाए।”शीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर गौर किया कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका सुनवाई के लिए तीन मौकों पर सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन समय अभाव के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।शीर्ष अदालत ने कहा,“हमें उम्मीद है और भरोसा है कि मामले पर तेजी से सुनवाई होगी। आवेदन पर विचार किया जाएगा तथा इस पर तेजी से सुनवाई की जाएगी।”गौरतलब है कि पूर्व मंत्री देशमुख को करोड़ों रुपए अवैध रूप से लेने के आरोप में पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने गिरफ्तार किया था। मुंबई के बार मालिकों से अवैध रिश्वत की शिकायत पर मंत्री पद पर रहते हुए उनके खिलाफ अप्रैल 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज होने के बाद उनसे कई बार पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था।आरोप है कि पूर्व मंत्री देशमुख ने मुंबई पुलिस के सहायक निरीक्षक सचिन वाजे के माध्यम से दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के दौरान कई ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.7 करोड़ रुपये नकद अवैध रूप से प्राप्त किया था। इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने भी देशमुख पर मुंबई में बार और रेस्तरां हर महीने 100 करोड़ रुपये की मांग करने का आरोप लगाया था।
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