सभी लेखपालों को देना होगा वरासत प्रकरण लंबित न रहने का प्रमाणपत्र: डीएम

देवरिया।जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज वर्चुअल माध्यम से जनपद में चल रहे वरासत दर्ज करने के विशेष अभियान की समीक्षा की। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमणशील रहते हुए इस अभियान के तहत 20 जून तक निर्विवादित वरासत के लंबित प्रकरणों का निस्तारण करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि जनहित के इस कार्य में कोताही बरतने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।जिलाधिकारी ने समस्त कृषकों, काश्तकारों व भूस्वामियों से अनुरोध किया है कि वे विशेष अभियान के अंतर्गत अपनी  निर्विवादित वरासत दर्ज करा लें। यदि निर्विवादित वरासत दर्ज करने में किसी भी स्तर पर समस्या आ रही हो तो वे संबंधित तहसील के एसडीएम से अथवा स्वयं उनसे संपर्क कर सकते हैं। उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण कर वरासत दर्ज कराया जाएगा।जिलाधिकारी ने कहा कि 20 जून तक सभी लेखपालों को प्रमाणपत्र देना होगा कि उनके क्षेत्र में निर्विवादित वरासत का एक भी प्रकरण लंबित नहीं है। इसके पश्चात यदि उनके संज्ञान में निर्विवादित वरासत का एक भी लंबित प्रकरण आया तो संबंधित लेखपाल के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।जिलाधिकारी ने बताया कि विशेष अभियान के तहत दिनांक 1 जून 2022 से 7 जून 2022 तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। 8 जून 2022 से राजस्व निरीक्षक निरीक्षक द्वारा नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख सॉफ्टवेयर में आद्यवधिक किया जाएगा। दिनांक 15 जून 2022 से 17 जून 2022 तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल सहित राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उप जिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा कि उनके क्षेत्र के अंतर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकारी वरासत का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है।18 जून 2022 से 20 जून 2022 तक अभियान के अंतर्गत जनपद के प्रत्येक तहसील के 10% राजस्व ग्रामों को रैंडमली  चिन्हित करते हुए उनसे अपर जिला अधिकारी उप जिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जांच कराई जाएगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से शेष नहीं बचा है। समीक्षा बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी अमृत लाल बिंद, एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुँजन द्विवेदी, एसडीएम सौरभ सिंह, एसडीएम संजीव उपाध्याय, एसडीएम गजेंद्र सिंह, एसडीएम अरुण कुमार सहित राजस्व विभाग के विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।