चित्रकूट। भारत जननी परिसर रानीपुर भट्ट में लोक भारती के तत्वावधान में प्राकृतिक खेती को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जहा प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने को लेकर जन चर्चा की गई। कामतानाथ मंदिर के अधिकारी संत मदनदास संरक्षक के तौर पर मौजूद रहे। यह गोष्ठी वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल भाई के नेतृत्व में आयोजित की गई। गोष्ठी में लोक भारती के गोपाल उपाध्याय और श्याम बिहारी गुप्ता ने प्राकृतिक खेती की शुरुआत करने और उसके लाभों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई। बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जन जागरण और प्रशिक्षण के काम को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई गई। प्राकृतिक खेती कैसे की जाए इस विषय पर लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंन्त्री बृजेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत एक गाय एक किसान और गाय खेत मे आधारित सूत्र पर की जा सकती है। इससे किसान बिषरहित फसल उगाकर परिवार को विषैले भोजन से बचा सकता है। लोक भारती के राष्ट्रीय सह संगठन मंन्त्री गोपाल उपाध्याय ने प्राकृतिक खेती को लेकर गोष्ठी में उपस्थित सभी लोगो को संकल्प दिलाया और कहा कि इसकी शुरुआत संकल्प के साथ करना होगा। उन्होंने पोषण वाटिका, मंगल वाटिका, संकरी वाटिका आदि के माध्यम से प्रकृति से जुड़ाव और प्राकृतिक खेती के माध्यम से जीवन बचाने की चर्चा की। कृषक समृद्धि आयोग उत्तर प्रदेश के सदस्य श्याम विहारी गुप्ता ने भी प्राकृतिक खेती को लेकर कैसे आगे बढ़ना है और उससे कैसे किसान आत्मनिर्भर बन सकता है इस पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत मे संत मदनदास महाराज ने कहा कि पावन भूमि में भारत की सुरक्षा को लेकर जो चर्चा की है। जिसमे प्राकृतिक खेती पर बात की गई। आज संकल्प की भूमि से वह भी समयदान करने का संकल्प ले रहे हैं। लोक भारती की तरफ से मिली जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगें। कार्यक्रम में अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान के संरक्षक गोपाल भाई ने संकल्पों को दोहराते हुए पूरा करने को कहा। जिससे प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाया जा सके। गोष्ठी में जनदीप सिंह, शेखर त्रिपाठी, डा शिवशंकर सिंह, दीपक द्विवेदी, ऋषभ वर्मा, अंकिता गुप्ता, लक्ष्मी नारायण चतुर्वेदी, आशीष रिछारिया, बृजेंद्र मिश्रा, राजाभैया, अजय यादव, संगम लाल गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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