लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पूर्ण बजट में किसान कल्याण पर जोर देते हुए किसानों की सिंचाई लागत को कम करने के लिये इस साल 15 हजार सोलर पंप वितरित करने का बजट प्रावधान किया है।वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधान सभा में पेश बजट प्रस्ताव के माध्यम से कहा कि कृषकों को सिंचाई हेतु डीजल और विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिये सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना’ के अन्तर्गत किसानों काे खेत पर ही सोलर पम्प लगवाये जा रहे हैं। उन्होंन कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जायेगी।बजट में सरकार ने प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की बजटीय व्यवस्था प्रस्तावित है।बजट में गन्ना किसानों के भुगतान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021 2022 तक के सापेक्ष, 16 मई, 2022 तक गन्ना किसानों 1 लाख 72 हजार 745 करोड़ रूपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह पहले के 5 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 95.215 करोड़ रूपये से 77.530 करोड़ रूपये अधिक है।बजट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ दिसम्बर, 2018 से संचालित है। इस योजना के अन्तर्गत 2.55 करोड़ किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्मय से 42 हजार 565 करोड़ रूपये हस्तांतरित किये गये है।बजट के अनुसार ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ 14 सितम्बर, 2019 से उप्र में लागू है। इस योजना के अन्तर्गत ‘कृषक’ की परिभाषा काे विस्तार देते हुये खतौनी में दर्ज खातेदार और सहखातेदार के साथ – साथ उनके परिवार के ऐसे सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि आय ही है तथा ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बॅटाई पर कृषि कार्य करते हैं , को भी सम्मिलित किया गया है। बजट में इस योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिये वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 650 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।कृषि उत्पादन में गुणवत्तायुक्त बीजों काे सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताते हुए बजट में कहा गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 60.10 लाख कुन्तल बीजों का वितरण किया गया है। इस बजट में वर्ष 2022-2023 के दौरान 60.20 लाख कुन्तल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है।इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा कृषकों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का दावा करते हुए बजट में कहा गया है कि वर्ष 2021- 2022 में 99.80 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-2023 में इसे बढ़ाकर 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य बजट में तय किया गया है।बजट में कहा गया है कि खरीफ के विपणन वर्ष 2021 -2022 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1940 रूपये प्रति कुन्टल एवं धान ग्रेड – ए का समर्थन मूल्य 1960 रूपये प्रति कुन्टल निर्धारित किया गया। खरीफ के दौरान वर्ष 2021-2022 में 4656 स्थापित क्रय केन्द्रों के माध्यम से 11 लाख से अधिक किसानों से 65 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीद की गयी , जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में ई – पेमेन्ट के माध्यम से 12 हजार 485 करोड़ रूपये का सीधे भुगतान किया जा चुका है। इसके सापेक्ष रबी के लिये चालू वित्तीय वर्ष 2022-2023 में भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रूपये प्रति कुन्टल निर्धारित किया गया।बजट में सरकार ने कहा कि उप्र में गेहूं क्रय अवधि 01 अप्रैल , 2022 से 15 जून 2022 तक निर्धारित है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने हेतु प्रदेश में 5608 क्रय केन्द्र स्थापित कर 25 अप्रैल, 2022 तक लगभग 94 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का क्रय किया गया।किसानों काे दी जा रही ऋण सुविधाओं के बारे में बजट में कहा गया है कि सरकार ने वर्ष 2020-21 में रूपये 7 हजार पचासी करोड़ 59 लाख का अल्पकालिक ऋण प्रदेश के किसानों को वितरित किया जा चुका है, जिससे 17.99 लाख किसान लाभान्वित हुये वर्ष 2021-2022 में लगभग रूपये 7 हजार 539 करोड़ 81 लाख ऋण का वितरण किया जा चुका है जिससे 18.61 लाख किसान लाभान्वित हुये।
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