पति पत्नी के बीच आपसी संबंधों के बेहतर होने में ग्रहों की भी भूमिका होती है। अगर ये ठीक हों तो वैवाहिक जीवन सुखी होता है। वहीं अगर ग्रहों में टकराव हो तो दोनो के संबंधों में दूरियां आने लगती हैं और बात अलगाव तक पहुंच जाती है। पति के लिए अच्छा वैवाहिक जीवन शुक्र से आता है। वहीं पत्नी के लिए यह काम गुरु करता है। पति पत्नी का आपसी सम्बन्ध और तालमेल कुल मिलाकर शुक्र पर निर्भर करता है। जब शुक्र या गुरु कमजोर हों तो वैवाहिक जीवन में काफी समस्याएं आती हैं। यह समस्यायें शनि , मंगल , सूर्य , राहु और केतु से काफी बढ़ जाती हैं और चन्द्र , बुध और गुरु इन समस्याओं को कम करते हैं।
धन को लेकर विवाद होता हो
अगर एक की कुंडली में बुध मजबूत हो और दूसरे में चन्द्र तब इस तरह के विवाद होते हैं।एक भावनात्मक होता है और एक भौतिकवादी। दोनों की कुंडलियों में शुक्र के मजबूत होने पर अनावश्यक खर्चे होते हैं। इसी कारण से धन को लेकर विवाद होता रहता है।
प्रातः घी का दीपक जलाएं
घर में पूजा स्थान पर राम दरबार की स्थापना करें। उनके समक्ष रोज प्रातः घी का दीपक जलाएं। नियमित रूप से पति पत्नी को शुक्रवार को सफ़ेद मीठी चीज़ों का दान करना चाहिए। अगर पति पत्नी के बीच ससुराल के लोगों को लेकर विवाद होता रहता हो तो पति पत्नी के बीच इस तरह के विवाद का कारण मंगल होता है। मंगल के कारण पति और पत्नी एक दूसरे के रिश्तों का सम्मान नहीं करते। कभी कभी घर के बाकी लोग भी पति पत्नी के बीच हस्तक्षेप करते रहते हैं।
ऐसे में हर मंगलवार को घर में हलवा बनायें। हनुमान जी को भोग लगाएं। इसके बाद “संकटमोचन हनुमानाष्टक” का पाठ करें। सारे हलवे का प्रसाद पूरे घर में बाँटें। अगर पति पत्नी के बीच विवाहेत्तर संबंधों के कारण तनाव हो रहा हो तो आम तौर पर ऐसी समस्याओं के लिए राहु जिम्मेदार होता है। राहु का प्रभाव शुक्र पर हो तो विवाहेत्तर सम्बन्ध बन जाते हैं और यह भयंकर विवाद का कारण बनते हैं। राहु का प्रभाव अगर चन्द्र पर हो तो विवाहेत्तर सम्बन्ध नहीं बनते, सिर्फ शक होता रहता है। यह संदेह जीवन को नारकीय बना देता है।
ऐसे में माँ पार्वती और शिव जी को नित्य प्रातः सफ़ेद फूल अर्पित करें। इसके बाद “ॐ पार्वतीपतये नमः” का जाप करें। शयन कक्ष को बिलकुल साफ़ सुथरा रखें। सोमवार के दिन घर में तीखा न बनायें, न खाएं। अगर पति पत्नी के बीच विवाद का कारण नशा हो। पति पत्नी के ग्रहों में शनि या राहु का प्रभाव हो या चन्द्रमा विपरीत हो तो कभी कभी तो इस कारण विवाह विच्छेद भी हो जाता है।शनि के कारण यहाँ हिंसा और दुर्व्यवहार भी शामिल हो जाता है।
नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें
गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। हर शनिवार को शाम को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
शनिवार को शाम को घर में “सुन्दरकाण्ड” का पाठ जरूर करें। जहाँ तक हो सके मांसाहार से परहेज करें।
अगर ससुराल में पति के अलावा अन्य रिश्तों से समस्या हो रही हो। चमेली के तेल में सिदूर मिलाकर पेस्ट बना लें।
एक हरे पान के पत्ते पर इस सिन्दूर से “सीताराम” लिखें। इस पत्ते को हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें।
सुखद रिश्तों के लिए प्रार्थना करें।