प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से कोरोना काल में फाफामऊ घाट पर दफनाये गए शवों के बहने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, नदी का जल स्तर बढ़ने और तेज बहाव की वजह से श्मशान घाटों पर रेत का तेजी से कटान हो रहा है। जिससे कई शव गंगा नदी की जल धारा को भी छूते नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर गंगा का जल स्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो जल्द रेत में नदी के किनारे दफनाये गए शव नदी में समाहित होकर उसके जल को प्रदूषित करने लगेंगे। हालांकि, पहले प्रशासन को आगाह भी किया था कि अगर गंगा नदी का जल स्तर बढ़ा तो नदी के किनारे रेत में दफनाये गए शव नदी में समाहित हो सकते हैं। इसके बाद प्रशासन ने 18 मई को श्मशान घाटों पर शवों को दफनाने पर तो पाबंदी लगा दी थी, लेकिन इन शवों को शिफ्ट करने या फिर निस्तारित के मामले में प्रशासन ने कोई गम्भीरता नहीं दिखायी। हालांकि, अधिकारियों ने ये जरुर कहा है कि जो शव भी कटान की जद में आयेंगे उनका परम्परा के मुताबिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जायेगा। बता दें कि नाव के जरिए फाफामऊ घाट का जब जायजा लिया गया था। जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही रेत में दफन शव अब नदी में समा सकते हैं। बहरहाल अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में रेत में दफनाये गए शवों के गंगा में समाहित होने से न केवल गंगा का जल प्रदूषित होगा। बल्कि पूरे देश और दुनिया में भी मोक्षदायिनी गंगा को लेकर खराब छवि भी पेश होगी।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post