मंडलायुक्त एवं अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में मंडलीय सड़क सुरक्षा बैठक संपन्न हुई

प्रयागराज | मंडलायुक्त संजय गोयल एवं अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश की अध्यक्षता में मंडलीय सड़क सुरक्षा बैठक आज आयुक्त कार्यालय स्थित गांधी सभागार में संपन्न हुई। बैठक में सर्वप्रथम मंडल के विभिन्न ब्लैक स्पॉट्स की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने इनका चिन्हीकरण कैसे किया जा रहा है उसकी विस्तृत जानकारी ली तथा ब्लैक स्पॉट्स चिन्हीकरण प्रक्रिया को और बेहतर बनाने हेतु मंडल के चारों पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जनपदों में पिछले 3 वर्षों में हुई दुर्घटनाओं की लोकेशन की जानकारी इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईरैड) पर अपलोड कराने के निर्देश दिए हैं। आईरैड पर अपलोड की गई जानकारी की मदद से अधिक दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित करना और आसान होगा। साथ ही जिन स्थानों को पहले से ही ब्लैक स्पॉट्स घोषित किया जा चुका है वहां पर अभी तक क्या कार्य किया गया है उसकी जानकारी 1 हफ्ते के भीतर उनके समक्ष प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं। मंडल में सड़कों को डीकन्जेस्ट कराने के दृष्टिगत टेंपो एवं ई-रिक्शा संगठनों के प्रतिनिधियों को शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन एवं शत प्रतिशत डिवीज़न ऑफ़ एरिया करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अंतर्गत टेंपो चालकों को टेंपो की कलर कोडिंग एवं नंबरिंग करने को कहा गया है जिससे सिर्फ उसी नंबर एवं कलर कोड के टेंपो को एक एरिया में चलाया जा सके। उदाहरण के तौर पर यदि ब्लू कलर के टैग वाले 100 टेंपो को सिविल लाइन एरिया में चलाने की अनुमति दी जाती है तो सिर्फ 1 से 100 नंबर वाले ब्लू टैग टेंपो ही वहां चलाए जाएंगे। इस तरह का विभाजन करने से सड़कों को डीकन्जेस्ट करना आसान होगा। इसी क्रम में जनपद के सभी ई-रिक्शा का भी शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं एवं नॉन रजिस्टर्ड ई रिक्शा के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें सड़कों से हटाने को कहा गया है। साथ ही ट्रेफिक जंक्शन के 50 मीटर के भीतर उन्हें ई-रिक्शा रोकने की अनुमति नहीं है। मंडल में अवैध ऑटो स्टैंड को हटाने के दृष्टिगत विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को निर्देशित किया गया है कि वह अपने स्तर पर कार्यवाही कर अवैध रूप से बनाए गए स्टैंड्स को चिन्हित करें एवं वहां से टेंपो/ई रिक्शा तुरंत हटाना सुनिश्चित करें। ऑटो स्टैंड सुव्यवस्थित करने हेतु मंडलायुक्त ने उनके लिए कुछ अन्य पार्किंग स्थल भी चिन्हित करने को कहा है।इसी क्रम में स्कूलों में चल रहे अवैध वाहनों (जो स्कूली वाहनों के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है) या वे वाहन जो मानक के अनुरूप नहीं चलाए जा रहे हैं उनको रोकने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है उस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने मंडल में रजिस्टर्ड स्कूल बसों के सापेक्ष कितनी बसों का अब तक फिटनेस टेस्ट नहीं हो पाया है इस की एक सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कितने प्राइवेट वाहन स्कूलों में चलाए जा रहे हैं पर रजिस्टर्ड नहीं है इसकी भी एक सूची तैयार करने को कहा है। इन सभी कार्यों हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों को 1 माह का समय दिया गया है जिसके भीतर उन्हें आख्या प्रस्तुत करनी होगी। इसके अतिरिक्त कैरेक्टर वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट भी सभी वाहन मालिकों से अनिवार्य रूप से लेने को कहा गया है।सड़क दुर्घटना में लोगों को मरने से रोकने हेतु प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन से बात कर उनके यहां उपलब्ध ट्रॉमा सेंटरों को और सुव्यवस्थित करने एवं उस में कार्यरत एक्सपर्ट्स का आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण कराने का भी सुझाव दिया गया है। इसके दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उन सभी के साथ एक संबंध में बैठक करने को कहा गया है।बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, डॉक्टर राकेश सिंह, नगर आयुक्त, रवि रंजन समेत अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।