नयी दिल्ली | उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रुपए के कथित अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद मामले के मुख्य आरोपी मिशेल की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच एजेंसियों अपना जवाब दाखिल करने को कहा।आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी ने भारत में वीवीआइपी हेलीकॉप्टरों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए मिशेल को बिचौलिए के तौर पर इस्तेमाल किया था। उसे भारतीय वायुसेना और तत्कालीन केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के शीर्ष अधिकारियों को प्रभावित करने की जिम्मेवारी दी गई थी।आरोपी मिशेल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ए. के. जोसेफ ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल ने भ्रष्टाचार रोकथाम (पीसी) अधिनियम के तहत भारत में आरोप से संबंधित अधिकतम सजा का 50 प्रतिशत सजा काट ली है। उन्होंने अदालत के समक्ष कहा कि इस मामले में पांच साल की सजा का प्रावधान है जबकि मिशेल अब तक साढे तीन साल की सजा गुजार चुका है। अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष गुहार लगाते हुए कहा कि मिशेल भारत के बाहर 120 दिनों तक कैद में चुका है।जमानत की मांग कर रहे अधिवक्ता से पीठ ने जब मिशेल के फरार होने पर चिंता जताई तो उन्होंने जवाब दिया कि वह दुबई में रहा और ‘वह कभी फरार नहीं हुआ।’गौरतलब है कि मिशेल ने दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।मिशेल को लगभग 50 करोड़ यूरो के 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद में कथित घोटाले के मामले में 2018 में संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित किया गया था।
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