बांदा।जनपद में करीब 40 बालू खदाने हैं।वर्तमान में करीब 12 संचालित हो रही हैं। ठेकेदार मौरंग पट्टा की किस्त दो से तीन करोड़ रुपये होने के कारण जमा करने में हीलाहवाली करते हैं। इससे ओटीपी बंद करनी पड़ती है। मौजूदा समय में छह खदानों की ओटीपी बंद है,जिनकी किस्तें नहीं जमा हैं। शासन ने नई पहल की है। मौरंग कारोबारियों को अब किस्त जमा करने के बजाए हर रोज रीचार्ज कराना होगा। जितने दिन रीचार्ज कराएंगे उतने ही दिन खनन कर सकेंगे। जिस दिन रीचार्ज नहीं कराया, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) अपने आप बंद हो जायेगा। जनपद में यमुना, केन और बागै नदी में करीब 40 से ज्यादा खनिज पट्टे हैं। एक पट्टे की नीलामी में शुरुआती दौर में पट्टाधारक को दो से तीन करोड़ रुपये जमा करना होता है। इसके बाद हर माह एक से दो करोड़ रुपये किस्तें देनी पड़ती हैं। ठेकेदार माल न होने और घाटा दिखाकर किस्त नहीं जमा करते हैं। जब तक ओटीपी बंद की जाती है, तब तक पट्टेधारक दो-तीन दिन बिना ओटीपी ही अवैध खनन करते हैं। साथ ही किस्त की ज्यादा धनराशि होने के कारण ठेकेदार जमा करने में कराहते हैं। खनिज निदेशालय ने अब नई पहल की है। अब पट्टाधारकों को किस्त के रूप में रीचार्ज कराना होगा। वह हर रोज रिचार्ज कराकर खनन की किस्त जमा करेंगे। उसी दिन के लिए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भी जारी हो जाएगा। जिन दिन वह रिचार्ज नहीं कराएंगे, उनकी ओटीपी अपने आप बंद हो जाएगी। बिना ओटीपी बालू लेकर ट्रक गुजरते हैं तो उनके पास रवन्ना नहीं होगा। ऐसे में खनिज टीम चेकिंग के दौरान ट्रकों को पकड़कर सीज कर देगी। साथ ही संबंधित पट्टाधारक और ट्रांसपोर्टर के खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इससे खनिज विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा।साथ ही पट्टाधारकों को भी अब किस्त जमा करने में आसानी होगी।
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