फतेहपुर। भगवान गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव डा. बाबा साहब अंबेडकर मिशन भारत की जनपद शाखा के तत्वाधान में मनाया गया। तथागत गौतम बुद्ध के बताए गए रास्तों पर चलने का लोगों ने संकल्प दोहराया। सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा व चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया इसके बाद विभिन्न स्थानों से आई झांकियां निकाली गई। शहर के विभिन्न मार्गों पर भ्रमण करके झांकिया आयोजन स्थल पहुंची। रास्ते में कई जगह स्वागत हुआ। चेयरमैन प्रतिनिधि ने झांकी में शामिल लोगों का शर्बत पिलाकर गला तर कराया।डा. बाबा साहब अंबेडकर मिशन भारत के तत्वाधान में ज्ञान के सागर विश्वदीप तथागत भगवान गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव महापर्व कलेक्ट्रेट स्थित बुद्धा पार्क में मनाया गया। भगवान की प्रतिमा के समक्ष पूज्य भिक्ख संघ से पूज्य भंते विजयानंद ने भगवान बुद्ध की मूर्ति के समक्ष मोमबत्ती, धूपबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करने के साथ उनके बताए गए रास्तांे पर चलने का संकल्प दोहराया। मिशन के जिला सचेतक रमेश बौद्ध ने कहा कि एक दीपक से हजारों दीपक जलाए जा सकते हैं। इसके बावजूद वह दीप नहीं बुझेगा, ठीक इसी तरह खुशी बांटने से कभी कम नहीं होती। बताया कि बुद्ध के जन्म के समय देश में तमाम तरह की बुराईयां व्याप्त थीं। जो समाज सहित आम जनमानस की जड़ों को खोखला कर रही थीं। भगवान बुद्ध ने उन बुराईयों को दूर करने के वैदिक परम्परा की स्थापना की थी। उन्होने पशुओं की बलि प्रथा को समाप्त कराया और समाज के लोगों ने उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। तत्पश्चात ग्रामीणांचलों से आई झांकियां कलेक्ट्रेट के पूर्वी गेट से निकाली गई। जो पत्थरकटा, बिंदकी बस स्टाप, सदर अस्पताल, बाकरगंज, ज्वालागंज से होकर पीरनपुर, वर्मा चैराहा, आईटीआई रोड, पटेलनगर चैराहा होकर पुनः कचेहरी गेट से बुद्धा पार्क पहुंची। पालिका तिराहे के समीप चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रजा व उनके समर्थकों ने झांकी में शामिल लोगों के बीच ठंडा शर्बत, पेठा, बिस्कुट आदि का वितरण किया। सभी ने चेयरमैन प्रतिनिधि के इस कार्य की सराहना की। इस मौके पर अतुल कुमार, भानु प्रकाश गौतम, बाबूराम, गया प्रसाद, शत्रुघन लाल, अरूण कुमार, प्रिय गौतम, मनोज प्रकाश, आरएस गौतम, डा. शेष बुद्धिष्ट, जागेश्वर, का. गया प्रसाद, रजनी देवी, मेवालाल, राम मनोहर, संकठ राम, मयंक, मुन्ना प्रधान, रामकली, राजकली गौतम, प्रतिभा गौतम, सियारानी, प्रेमदत्त गौतम, डा. मयाराम, प्रशांत गौतम, रामकरन आदि मौजूद रहे।
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