राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकार्ड 25970 वादों का हुआ निस्तारण

बहराइच। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार प्रभारी जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राकेश कुमार षष्टम की अध्यक्षता में तथा सुरजन सिंह, तृतीय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/नोडल अधिकारी, लोक अदालत के मार्गदर्शन में जनपद में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में जनपद के पुराने सभी रिकार्ड तोड़कर कुल 25970 वादों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय शेषमनी की अध्यक्षता में कुल 14 पारिवारिक विवाद का निस्तारण किया गया, जिसमें 45 वाद ऐसे थे, जो न्यायालय में लम्बित थे। न्यायालय के सहयोग से पक्षकारों के मध्य सुलहवार्ता हुई तथा 45 वैवाहिक जोड़े खुशी-खुशी साथ रहने को तैयार हो गये। 02 वाद ऐसे थे जिनमें पक्षकारो द्वारा कोई मुकदमा भी नहीं दायर किया गया और अपने विवाद का विवरण देते हुए मात्र एक प्रार्थना-पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किया गया। उनके मध्य सुलहवार्ता के लिए तत्काल न्यायिक पीठ का गठन किया गया और न्यायिक पीठ द्वारा पक्षकारों को बुलाकर सुलह-समझौता कराने का प्रयास किया गया। परिणामतः दोनों वैवाहिक जोड़े अपने विवाद को भूलकर साथ रहने को तैयार हो गये तथा न्यायिक पीठ द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर ही उनके विवाद का निस्तारण कर दिया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर मा. पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बहराइच अजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा कुल 72 वादों का निस्तारण किया गया। जिनमें 02 छः वर्ष से पुराने निश्पादन वाद निस्तारित किये गये तथा सेटलमेन्ट की कुल धनराशि रू. 3,08,01,390 रही। अपर सिविल जज (अ.ख.) कोर्ट सं. 3 श्रीमती सुनिधि वर्मा द्वारा लगभग 27 वर्ष पुराना तथा सिविल जज (अ.ख.) एफ.टी.सी. अकुंश श्रीवास्वत द्वारा लगभग 30 वर्ष पुराना वाद पक्षकारों के मध्य सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किया गया। इसी प्रकार 78 सिविल वाद, 4322 फौजदारी के मुकदमें, बैंक रिकवरी के 885 मामले भी निस्तारित हुए। जिलाधिकारी द्वारा 22 मुकदमों का निस्तारण किया गया। बिजली बिल से सम्बन्धित 555 मामलें (अशमनीय वादों को छोड़कर), राजस्व विवाद 20094, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद द्वारा 1308, श्रम विभाग द्वारा 75 मामलेे, बांट माप के 10 मामले, जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा 605 मामले, पंचायती राज अधिकारी द्वारा 4200 मामले, बन्दोबस्त चकबन्दी अधिकारी द्वारा 121 मामले, नगर मजिस्ट्रेट द्वारा 41 मामलों का निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय लोक अदालत मंे अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश आयोग द्वारा 09 मुकदमों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में सेटेलमेन्ट की कुल धनराशि रू. 9,80,80,108 रही तथा रू. 1,02,49,652 के उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र जारी किये गये। इससे पूर्व राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम का प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय परिसर में जगह-जगह पर हेल्पडेस्क बनाये गये, जिनके द्वारा वादकारियों को आवश्यक सहायता प्रदान की गयी। राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर बिना मास्क न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले वादकारियों को हेल्पडेस्क द्वारा मास्क उपलब्ध कराते हुए हाथों को सेनेटाइज़्ड भी किया गया। आयोजन के दौरान केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कोरोना प्रोटोकाल के अनुपालन का विषेश ध्यान रखा गया व सोशल डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से पालन कराने हेतु न्यायालय परिसर में मेडिकल कैम्प भी लगाया गया तथा जगह-जगह पर पुलिस फोर्स भी मुस्तैद रही। प्रभारी जनपद न्यायाधीश तथा तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/नोडल अधिकारी, लोक अदालत व श्रीमती शिखा यादव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस राष्ट्रीय लोक अदालत को अत्यधिक सफल बनाने के लिए समस्त न्यायिक अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, अधिवक्तागण, बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं वादकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया साथ ही सम्बन्धित कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना भी की गयी।